स्वास्थ्य

विटामिन डी से जुकाम की अवधि घट सकती है

Special Coverage Desk Editor
26 Dec 2021 11:54 PM IST
विटामिन डी से जुकाम की अवधि घट सकती है
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करीब दो साल बाद मास्क पहनने, सामाजिक दूरी का अनुपालन करने और हाथों को रोगाणु मुक्त करने के बाद आम जुकाम की फिर से वापसी हुई है. कुछ लोगों के मुताबिक जुकाम अब बदले हुए रूप में वापस आया है. कुछ लोग इसे ‘‘सुपर कोल्ड’ बता रहे हैं तो अन्य का कहना है कि ‘‘यह अबतक का सबसे खराब जुकाम’’ है.

करीब दो साल बाद मास्क पहनने, सामाजिक दूरी का अनुपालन करने और हाथों को रोगाणु मुक्त करने के बाद आम जुकाम की फिर से वापसी हुई है. कुछ लोगों के मुताबिक जुकाम अब बदले हुए रूप में वापस आया है. कुछ लोग इसे ''सुपर कोल्ड' बता रहे हैं तो अन्य का कहना है कि ''यह अबतक का सबसे खराब जुकाम'' है. सौभाग्य से जुकाम की अवधि को कम करने का रास्ता निकल सकता है और यह है विटामिन डी का पूरक आहार. हम सर्दियों में जुकाम का अधिक शिकार हो सकते हैं क्योंकि हम एक साथ अधिक समय तक बंद स्थान पर रहते हैं, लेकिन विटामिन डी का स्तर जुकाम होने के खतरे को प्रभावित कर सकता है. सर्दियों में अधिक जुकाम होता है जब विटामिन डी का स्तर सबसे कम होता है जबकि गर्मियों में जुकाम कम होता है तब विटामिन डी का स्तर सबसे अधिक होता है. हमें अधिकतर विटामिन डी सूरज की किरणों (80 से 100 प्रतिशत तक) से मिलता है जबकि थोड़ी मात्रा हमें अपने आहार से मिलती है. जो लोग 30 डिग्री से उच्च अक्षांश पर रहते हैं जैसे ब्रिटेन में, वहां पर सर्दियों में शरीर में विटामिन डी कम होने का खतरा अधिक है.

जो लोग अधिकतर समय बंद स्थान पर रहते हैं या उनकी त्वचा ढकी रहती है , उनमें भी विटामिन डी कम होने का खतरा है. ब्रिटेन की आधी से अधिक आबादी के लिए माना जाता है कि सर्दियों में उनके शरीर में विटामिन डी की मात्रा कम होती है.

ब्रिटेन में सूर्य की किरणे अक्टूबर से मार्च के बीच शरीर में विटामिन की पर्याप्त आपूर्ति करने के मामले में बहुत कमजोर होती है.इसका अभिप्राय है कि अक्टूबर से मार्च तक लोगों के शरीर में विटामिन डी का स्तर संभवत: गिरेगा. अनुसंधान दिखाता है कि विटामिन डी जुकाम की चपेट में आने के खतरे और अन्य श्वास संबंधी संक्रमणों को प्रभावित करता है. जिन लोगों के शरीर में विटामिन डी का स्तर कम होता है उनके जुकाम होने की आशंका अधिक है और जो लोग विटामिन डी को पूरक के तौर पर लेते हैं उनके जुकाम होने की कम आशंका है. जुकाम होने के खतरे को कम करने को लेकर हमारे नवीनतम अनुसंधान दिखाते हैं कि विटामिन डी पूरक आहार के तौर पर लेने पर जुकाम की गंभीरता और अवधि घट जाती है.

पहले, हमने पाया कि जिन सैन्य रंगरूटों में 12 सप्ताह के शुरुआती प्रशिक्षण के दौरान विटामिन डी का स्तर पर्याप्त था उनके विटामिन डी की अपर्याप्त मात्रा वाले रंगरूटों के मुकाबले जुकाम होने की आशंका कम थी. इसके बाद हमने सर्दियों में जुकाम पर विटामिन डी पूरक आहार के तौर पर लेने वाले असर का अध्ययन किया. हमने रंगरूटों को विटामिन डी पूरक के तौर पर सूरज की रोशनी तुल्य अल्ट्रावायलट किरणो से दिया या विटामिन डी3 की गोली (चार सप्ताह तक 25 माइक्रोग्राम प्रति दिन और उसके अगले अगले आठ हफ्ते तक 10 माइक्रोग्राम) दी. दोनों तरीकों से सभी रंगरूटों में मानक के अनुकूल विटामिन डी का स्तर रखने में सफल रहे. हमने पाया कि विटामिन डी का पूरक जुकाम होने की आशंका को कम नहीं करता. लेकिन यह जुकाम रहने की अवधि को 36 प्रतिशत तक कम कर देता है. इसके साथ ही यह जुकाम के गंभीर लक्षणों में भी 15 प्रतिशत की कमी लाता है.

शरीर में विटामिन का स्तर कैसे बढ़ाए

हमारा अध्ययन ब्रिटिश सरकार की सालभर विटामिन डी का स्तर बनाए रखने की अनुशंसा का समर्थन करता है. यह दिखाता है कि विटामिन डी का सर्दियों में लाभादायक भूमिका है. ब्रिटेन में अक्टूबर और मार्च के बीच सूर्य की रोशनी विटामिन डी के लिए पर्याप्त नहीं है. इसलिए सलाह दी जाती है कि इस अधि में रोजाना 10 माइक्रोग्राम विटामिन डी पूरक आहार के तौर पर लें.

अगर आप को सूर्य की रोशनी बिल्कुल नहीं मिलती और अक्टूबर से ही विटामिन डी की पूरक आपूर्ति नहीं हो रही है तो इसका स्तर बनाए रखने के लिए चार सप्ताह तक 25 माइक्रोग्राम की विटामिन डी की गोली ले सकते हैं. यह सुनिश्चित करें कि गर्मियों में पर्याप्त विटामिन डी मिले. यह सुनिश्चित करें कि नियमित अंतराल पर सूर्य की रोशनी मिले. 30 से 60 अक्षांश में रहने वाले लोग पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न तीन बजे के बीच 15 मिनट तक सूर्य की रोशनी के संपर्क में रहे और इस दौरान टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहने.

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