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जब आयुर्वेद के डॉ BAMS, होम्योपैथ डॉ को BHMS तो एलोपैथ के डॉ MBBS क्यों कहा जाता है?
संजय तिवारी
आयुर्वेद, होम्योपैथ और एलोपैथी तीनों के लिए सरकार बैचलर कोर्स संचालित करती है। जो आयुर्वेद पढता है वो BAMS होता है। अर्थात बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एण्ड सर्जरी। इसी तरह होम्यौपैथ वाले छात्र जब होम्योपैथ में बैचलर डिग्री लेते हैं तो उन्हें BHMS कहा जाता है। अर्थात बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एण्ड सर्जरी।
अब आते हैं एलोपैथ पर। एलोपैथ में भी समानांतर बैचलर कोर्स है जिसे MBBS कहा जाता है। सवाल ये है कि जब आयुर्वेद वाले बैचलर को BAMS कहा जाता है, होम्योपैथ वाले बैचलर को BHMS कहा जाता है तो फिर एलोपैथ वाले बैचलर को MBBS क्यों कहा जाता है। उसे जो डिग्री दी जाती है वह "बैचलर आफ मेडिसिन एण्ड बैचलर आफ सर्जरी" की होती है। इस लिहाज से उसका शार्ट फार्म BMBS होता है। फिर उसे MBBS क्यों कहा जाता है?
आप कहेंगे ये तो सिर्फ शब्दों का हेर फेर है। नहीं। ये शब्दों का हेरफेर भर नहीं है। यही दुनिया में एलोपैथ की दादागीरी है। वो अपने अनुसार अपना मानक तय करते हैं। MBBS लिखने का अर्थ होता है कि वो अपने आप को बैचलर नहीं बल्कि मास्टर समझते हैं। या फिर लोगों में भ्रम पैदा करके रखना चाहते हैं कि सिर्फ बीए करने से वो एमए होे जाते हैं।
केन्द्र सरकार को चाहिए कि सबसे पहले एलोपैथी के डॉक्टरों द्वारा MBBS उपाधि के इस्तेमाल पर कानूनी रोक लगाये। वो भी आयुर्वेद और होम्योपैथ के डॉक्टरों की तरह बैचलर डिग्री तो ही प्रदर्शित करें और अपने नाम के आगे BMBS लिखें।