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राष्ट्रीय
किसी भी सूरत में सुधरने वाला नही पाक, बढ़ा रहा तनाव लगातार
आनंद शुक्ल
29 Sep 2017 12:05 PM GMT
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File Photo
450 से ज्यादा बार किया संघर्ष विराम का उल्लंघन नियंत्रण रेखा पर 28 सितंबर से लेकर अब तक 450 से ज्यादा बार पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। पाकिस्तान ने भारत-पाक के बीच वर्ष 2003 को एलओसी पर हुए जंगबंदी के समझौते को खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
श्रीनगर: पाकिस्तान ने एक वर्ष के दौरान सीमा पर तनाव बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 450 से ज्यादा बार किया संघर्ष विराम का उल्लंघन नियंत्रण रेखा पर 28 सितंबर से लेकर अब तक 450 से ज्यादा बार पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। पाकिस्तान ने भारत-पाक के बीच वर्ष 2003 को एलओसी पर हुए जंगबंदी के समझौते को खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
सर्जिकल स्ट्राइक का एक वर्ष पूरा होने के बाद यदि आकलन करें तो पाएंगे कि पाकिस्तान किसी भी सूरत में सुधरने वाला नहीं। चाहे घुसपैठ का मामला हो, बैट का हमला, कश्मीर में हिंसा या फिर संघर्ष विराम का उल्लंघन।
बीते एक साल के दौरान जम्मू-कश्मीर की पाकिस्तान के साथ सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा से लेकर एलओसी पर शायद ही ऐसा कोई सेक्टर होगा, जहां पाकिस्तान ने गोले न बरसाए हों। 79 सुरक्षाकर्मी शहीद व 175 आतंकी मारे गए। पिछले एक साल के दौरान जम्मू-कश्मीर में 79 सुरक्षाकर्मी आतंकी हमलों और पाक गोलाबारी में शहीद हो चुके हैं।
आर्मी चीफ बिपिन रावत का कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक कामयाब रहा था और इससे कड़ा संदेश पाकिस्तान को गया था कि अगर जरूरत पड़ी तो हम ऐसा कुछ कर सकते हैं। सर्जिकल स्ट्राइक की बात को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार कर भारत ने दुनिया को भी एक मैसेज दिया था। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने का आह्वान भी किया।
वहीं मेजर रजत चंद्रा की टीम सर्जिकल स्ट्राइक से दो दिन पहले 27 सितंबर को पाक अधिकृत कश्मीर के लिए रवाना हो गए थे। यहां उनकी टीम दो दिनों तक आतंकवादियों के लॉन्चपैड्स पर नजर बनाए हुए थे। जैसे ही मेजर सूरी की टीम ने जब पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों पर हमला बोला तो उससे कुछ देर पहले ही मेजर रजत की टीम ने आतंकियों के हथियारों के भंडार को नष्ट कर दिया। इस दौरान एक आतंकी जब फायरिंग कर रहा था तो मेजर रजत ने जमीन पर रेंगते हुए आतंकी के पास पहुंचे और उसे मार गिराया।
पाकिस्तान के साथ-साथ म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक करने से भारतीय सेना का मनोबल ऊंचा हुआ। बिना एक सैनिक की जान गंवाए पाकिस्तान सीमा में कार्रवाई करके लौटने की वजह से लोगों के बीच भी सेना का सम्मान बढ़ा।
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आनंद शुक्ल
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