राष्ट्रीय

पर्यावरण संकट उत्पन्न करने पर 33 देशों को कोर्ट नोटिस

Shiv Kumar Mishra
1 Dec 2020 8:59 AM GMT
पर्यावरण संकट उत्पन्न करने पर 33 देशों को कोर्ट नोटिस
x
पुर्तगाल के छह युवाओं ने ग्लोबल लीगल एक्शन नेटवर्क के सहयोग से दायर की थी याचिका, यूरोप के मानवाधिकार न्यायालय ने मांगा इन देशों से जवाब

पर्यावरण के प्रति चिंता अब बढ़ने लगी है। इसके संरक्षण को लेकर जागरूकता भी फैल रही है। यह जन जागरूकता का ही नतीजा है कि यूरोप के मानवाधिकार न्यायालय ने 33 देशों के खिलाफ पर्यावरण संबंधी मामले में संज्ञान लेते हुए उनसे जवाब मांगा है। यह शायद विश्व में पहली ऐसी कानूनी कार्यवाही होगी, जहां न्यायालय ने ऐसा संज्ञान लिया है।

इस मामले में पुर्तगाल के छह युवा याचिकाकर्ता शामिल हैं। सामान्यतया इस प्रकार के मामलों में कड़ा संज्ञान कम ही मामलों में लिया जाता है। अहम बात यह कि युवाओं ने पर्यावरण के प्रति अपनी चिंता जताई तो न्यायालय ने भी उसे गंभीरता से लिया और एक साथ इतने देशों को नोटिस जारी किया।

पुर्तगाल के इन छह युवाओं ने याचिका में आरोप लगाया है कि 33 देशों द्वारा पर्यावरण के लिए संकट पैदा किया गया है। मालूम हो कि यह याचिका ग्लोबल लीगल एक्शन नेटवर्क के सहयोग से दायर की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पर्यावरण असंतुलन का सीधा प्रभाव ऊनके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।

न्यायालय ने इस आरोप का संज्ञान लेते हुए पूछा है कि क्या युवा याचिकाकर्ताओं के मानव अधिकार का हनन हो रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि न्यायालय ने माना है कि पर्यावरण संकट के कारण पुर्तगाल के युवाओं के मानवाधिकार का हनन हो रहा है।

अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इन युवाओं के वकील गैरी लिस्टन ने कहा, "ये बहादुर युवा एक बड़ी बाधा पार कर चुके हैं। यह निर्णय यूरोपीय सरकारों को उनके जलवायु शमन प्रयासों में तेजी लाने के लिए मजबूर करता है। बड़ी बात यह है कि यह फ़ैसला यूरोपीय संघ के 2030 उत्सर्जन लक्ष्य के फैसले से कुछ हफ्ते पहले ही आता है। ध्यान रहे कि 2030 तक 65% की कमी से कम कुछ भी पर्याप्त नहीं होगा।"

Next Story