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ताइवान में पेलोसी की मौजूदगी में चीन ने की थी ये प्रतिक्रिया

News Desk Editor
5 Aug 2022 5:27 AM GMT
ताइवान में पेलोसी की मौजूदगी में चीन ने की थी ये प्रतिक्रिया
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चीनी विदेश मंत्रालय ने पेलोसी की यात्रा पर प्रतिक्रिया दिखाते हुए बीजिंग में अमरीका के राजदूत को बुलाकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई।

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नेन्सी पेलोसी का ताइवान दौरे पर बढ़े चीन अमेरिका तनाव व पेलोसी का दौरा खत्म होने के बाद बिजिंग ने बताया है कि जब नेंसी पेलोसी ताइवान में थी तब चीन के 27 युद्धक विमान ताइवान में घुस गए थे। चीन की इस बात की पुष्टि खुद ताइवान ने भी की है। हालांकि ताइवान ने यह भी कहा कि इन विमानों को बाहर निकालने के लिए ताइवान की तरफ से भी कार्रवाई की गई थी। चीनी विदेश मंत्रालय ने पेलोसी की यात्रा पर प्रतिक्रिया दिखाते हुए बीजिंग में अमरीका के राजदूत को बुलाकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई।

इस बीच जी-7 के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने एक बयान जारी करके कहा है कि पेलोसी की यात्रा को वजह बनाकर चीन को सैनिक अभ्यास नहीं करना चाहिए। अमरीका, जापान, फ़्रांस, इटली, जर्मनी, कैनेडा और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों ने अपने बयान में कहा कि हमारे देश के सांसदों का इस तरह के दौरे करना स्वाभाविक है जबकि चीन ने जो क़दम उठाया है उससे तनाव बढ़ेगा। पेलोसी ने कहा कि चीन विश्व के नेताओं को ताइवान का दौरा करने से नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ताइवान की टीमों को तो विश्व कार्यक्रमों में भाग लेने से रोकती है लेकिन विश्व के नेताओं को वह ताइवान की यात्रा से नहीं रोक पाएगी।

वहीं चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुवात्शोन येंग ने कहा कि पेलोसी की तइवान यात्रा का लोकतंत्र से कोई लेना देना नहीं यह चीन की अखंडता और संप्रभुता पर हमला था। उन्होंने कहा कि ताइवान के क्षेत्र में होने वाला हमारा सैन्य अभ्यास पूरी तरह क़ानूनी है। चीन के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पेलोसी की ताइवान यात्रा पूरी तरह ड्रामेबाज़ी थी। उन्होंने कहा कि जो लोग आग से खेल रहे हैं नष्ट हो जाएंगे और चीन के साथ बुरा बर्ताव करने वाले अपनी सज़ा भुगतेंगे। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस यात्रा के बीच अब कठोर क़दम उठाए जाएंगे अमरीका को इस यात्रा पर रोक लगानी चाहिए थी। रूस के क्रेमलिन हाउस ने कहा कि इस यात्रा से जो तनाव पैदा हुआ है उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। यूरोपीय संघ का कहना है कि यात्रा के चलते जो तनाव पैदा हुआ है उसे बातचीत से हल करना चाहिए।

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