- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
x
पोप ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को सामरिक शक्ति और शस्त्रागारों का बंधक नई बनाया जा सकता।
शांति के नोबल पुरस्कार विजेताओं, संयक्त राष्ट्र संघ और नैटो के अधिकारियों तथा अनेक देशों के कूटनयिकों को वैटिकन में संबोधित करते हुए कहा कि परमाणु हथियारों से सुरक्षा की एक झूठी भावना के अलावा कुछ नहीं उत्पन्न होता, यदि इन हथियारों का इस्तेमाल ग़लती से भी हो जाए तो यह पूरी मानवता और पर्यावरण के लिए बहुत बड़ी त्रासदी का कारण बनेगा।
वरिष्ठ ईसाई धार्मिक नेता पोप फ्रांसिस का कहना है कि भय और परमाणु रक्ष की नीतियों से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को अब और बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए तथा विश्व समुदाय को चाहिए कि परमाणु हथियारों से मुक्त भविष्य के लिए कोशिश करे।
Majid Khan
Next Story