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पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार कोई हिंदू बना एयरफोर्स में पायलट

Arun Mishra
4 May 2020 2:49 PM GMT
पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार कोई हिंदू बना एयरफोर्स में पायलट
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राहुल देव सिंध प्रांत के सबसे बड़े जिले थरपारकर के रहने वाले हैं।

पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार एक हिंदू युवा को वायुसेना में पायलट के रूप में चयनित किया गया है। राहुल देव नाम के यह युवा पाकिस्तानी वायुसेना में जीडी (जनरल ड्यूटी) पायलट अफसर के रूप में भर्ती हुए हैं।

पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। राहुल देव सिंध प्रांत के सबसे बड़े जिले थरपारकर के रहने वाले हैं। पाकिस्तान में थरपारकर वह जगह है जहां हिंदू समुदाय की बड़ी संख्या निवास करती है। विकास से वंचित इस इलाके के राहुल पाकिस्तान वायुसेना में पहुंचने वाले पहले व्यक्ति हैं।

ऑल पाकिस्तान हिंदू पंचायत के सचिव रवि दवानी ने राहुल की नियुक्ति पर प्रसन्नता जताई है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समाज के कई सदस्य सिविल सेवा के साथ-साथ सेना के अन्य अंगों में सेवाएं दे रहे हैं। विशेष रूप से देश के कई बड़े डॉक्टर हिंदू समुदाय से संबंध रखते हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार अल्पसंख्यकों पर ध्यान देती रहे, तो आने वाले समय में कई राहुल देव देश की सेवा के लिए तैयार मिलेंगे।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की कोई धार्मिक स्वतंत्रता नहीं: रिपोर्ट

हाल ही में, पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि 2019 में पाकिस्तान का मानवाधिकार के मामलों में रिकॉर्ड 'बेहद चिंताजनक' रहा, जिसमें राजनीतिक विरोध के सुर पर व्यवस्थित तरीके से लगाम लगाने के साथ ही मीडिया की आवाज भी दबाई गई। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण कमजोरों और खासकर धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति और खराब होगी। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में यह भी रेखांकित किया कि धार्मिक अल्पसंख्यक अपनी धार्मिक स्वतंत्रता या मान्यता का लाभ पूरी तरह उठाने में सक्षम नहीं हैं जिसकी गारंटी संविधान के तहत उन्हें दी गई है।

'2019 में मानवाधिकार की स्थिति' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है, बहुत से समुदायों के लिए....उनके धर्मस्थल के साथ भेदभाव किया जाता है, युवतियों का जबरन धर्मांतरण कराया जाता है और रोजगार तक पहुंच में उनके साथ भेदभाव होता है। एचआरसीपी ने कहा कि व्यापक तौर पर सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिये पर डाले जाने के कारण समाज का सबसे कमजोर तबका अब न लोगों को दिखता है न उनकी आवाज सुनी जाती है।

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