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मलयेशिया के प्रधानमंत्री बोले- 'जाकिर नाईक को भारत वापस नहीं भेजा जाएगा'
नई दिल्ली : विवादित धर्म उपदेशक जाकिर नाईक को मलयेशिया भारत प्रत्यर्पित नहीं करेगा। मलयेशिया सरकार ने नाईक के प्रत्यर्पण से इनकार कर दिया है। मलयेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने शुक्रवार को कहा कि नाईक को भारत नहीं भेजा जाएगा। बता दें कि जाकिर नाईक काफी समय से मलयेशिया में शरण लेकर रह रहा है।
मलयेशियाई पीएम ने बताया कि जब तक नाईक हमारे देश में कोई दिक्कत खड़ी नहीं कर रहे हैं तब तक वह उसे प्रत्यर्पित नहीं करेंगे, क्योंकि जाकिर को मलयेशिया की नागरिकता प्राप्त है। भारत और मलेशिया के बीच आतंकवाद से निपटने को लेकर बढ़ते सहयोग के बावजूद नाईक मलेशिया में शरण पाने में सफल रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 31 मई के वहां के दौरे के बाद नाईक की मुश्किलें बढ़ गईं। मलयेशिया के प्रधानमंत्री ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वह नाईक को वापस भारत लौटाएंगे। इससे पहले कई बार नाईक ने भारत लौटने से इनकार किया है।
Malaysian Prime Minister Mahathir Mohamad has said that Zakir Naik will not be sent back to India: The Strait Times (file pic) pic.twitter.com/HqKMItTk09
— ANI (@ANI) July 6, 2018
डॉक्टर के तौर पर करियर की शुरुआत करने वाले नाईक 1990 के दशक में टेलीविजन पर उपदेश देने लगा था। हालांकि, बाद में ब्रिटेन और कनाडा सहित कुछ पश्चिमी देशों और बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने उनके विवादास्पद भाषणों के चलते उनकी एंट्री पर अपने यहां रोक लगा दी थी। बांग्लादेश अपने यहां हाल के वर्षों में हुए सबसे बड़े आतंकवादी हमले के लिए नाईक को जिम्मेदार मानता है। यह हमला 2016 में ढाका में हुआ था।
51 वर्षीय जाकिर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक के मामले में एनआईए जांच कर रही है। नाईक ने जुलाई 2016 में तब भारत छोड़ा था जब बांग्लादेश में मौजूद आतंकियों ने दावा किया था कि वे जाकिर के भाषणों से प्रेरित हो रहे हैं। एनआईए ने मुंबई स्थित अपने ब्रांच में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत 18 नवंबर, 2016 को जाकिर के खिलाफ केस दर्ज किया था।
मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर रखी है। नाइक के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज है। जाकिर पर IRF की धारा 10 UA (P) और IPC की 120B, 153A, 295A, 298 and 505(2) धाराएं लगाई गईं हैं। जांच में यह पाया गया था कि जाकिर नाइक अपने भाषणों से विभिन्न समुदायों के बीच नफरत पैदा कर रहा था।