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मुस्लिम अपने देश के वफादार बने रहें, वर्ल्ड मुस्लिम काउंसिल में बोले मिस्र के मंत्री

Sakshi
11 May 2022 4:19 AM GMT
मुस्लिम अपने देश के वफादार बने रहें, वर्ल्ड मुस्लिम काउंसिल में बोले मिस्र के मंत्री
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मंत्री डॉक्टर मोहम्मद मुख़्तार गोमा भारत सहित दुनियाभर में फैले मुसलमानों को बड़ा संदेश दिया है।

संयुक्त अरब अमीरात में वर्ल्ड मुस्लिम कम्युनिटीज़ काउंसिल (TWMCC) के चौथे वार्षिक सम्मेलन में मिस्र के धार्मिक मामलों से जुड़े मंत्री डॉक्टर मोहम्मद मुख़्तार गोमा भारत सहित दुनियाभर में फैले मुसलमानों को बड़ा संदेश दिया है। उनके वक्त्वय से साफ है कि वो मुस्लिमों से कहना चाहते हैं कि वो सभी के साथ मिलकर सम्मान के साथ रहें। दूसरों को सम्मान दें और उनसे सम्मान हासिल करें। शांति और अहिंसामुक्त समाज में रहने का इससे बेहतर और विकल्प नहीं है।

डॉक्टर मोहम्मद मुख़्तार गोमा ने कहा कि दुनिया भर में मुस्लिम समाज के लोग दो श्रेणियों में बंटे हुए हैं। एक दुनिया तार्किक है जबकि दूसरी काल्पनिक जिसका दुरुपयोग चरमपंथियों और आतंकवादी कर रहे हैं। ऐसे मुस्लिमों का मकसद पूरी मुस्लिम दुनिया को एक झंडे और एक देश के अंदर लाना है।

TWMCC में उन्होंने कहा कि आज के समय में एक नवनिर्मित देश के अंदर असंभव एकता की कामना करने से ज़्यादा अपने राष्ट्र, उसकी धरती और झंडे के प्रति वफादार होना जरूरी है। ये कोशिश एक राष्ट्र और ग़ैर-मुसलमान समुदायों के बीच रह रहे मुस्लिम अल्पसंख्यकों को कमजोर करने के लिए की जा रही है। ऐसा नहीं होना चाहिए। ये भी जरूरी है कि क़ुरान की आयतों को उसके उसी संदर्भ में समझा जाए, जैसे उन्हें लिखा गया है न कि जिस तरह आतंकवादी समूह अपने हित साधने के लिए उसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

मिस्र के धार्मिक मामलों से जुड़े मंत्री डॉक्टर मोहम्मद मुख़्तार गोमा ने TWMCC कहा कि एक मुसलमान को उस देश का सम्मान करना चाहिए, जहां वह रहता है। चाहे मुस्लिम बहुल देश हो या वहां मुसलमान अल्पसंख्यक हों। फतवा हालात, जगह और समय से बदलना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय फोरम पर हमें समन्वय के जरिए इस्लामिक एकता दिखानी चाहिए। जो भी क़ुरान जला रहे हैं उनका सामना हम मज़बूती से करेंगे। हमारे मजहब का लोग तब तक आदर नहीं करेंगे जब तक हम अपने जीवन में सफल नहीं होंगे। हमें उन चरमपंथियों से भी लड़ना होगा जो इस्लाम का गलत तरीके से अपने हित के लिए इस्तेमाल करते हैं। सभी देशों के मुसलमान एक ध्वज, एक देश और शासक के अधीन हों यह यह असंभव है।

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