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न वकील, न सबूत, न बहस, न जज, North Korea तानाशाह Kim Jong Un सीधे सुनाता है फैसला

Shiv Kumar Mishra
25 May 2020 9:26 AM GMT
न वकील, न सबूत, न बहस, न जज, North Korea तानाशाह Kim Jong Un सीधे सुनाता है फैसला
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एक बार उनकी संसद में शिक्षा मंत्री सीधा नहीं बैठे थे वो आराम से कुर्सी पर बैठे थे, किम इसी बात पर नाराज हो गए और उन्होंने शिक्षा मंत्री को गोलियों से भूनवा दिया।

नॉर्थ कोरिया का तानाशाह किम जोंग हमेशा से अपने तुगलकी फरमान और क्रूरता के लिए अब तक जाना जाता रहा है। किम जोंग जिससे नाराज हो जाए या उसे किसी के बारे में कोई शिकायत मिल जाए तो वो आरोपित को ऐसी सजा देता है कि नॉर्थ कोरिया का हर नागरिक उस सजा को सुनकर ही कांप जाता है। सजा भी इतनी खौफनाक होती है कि लोग ऐसी सजा के बारे में सोच भी नहीं पाते हैं।

यदि किम जोंग को अपनी सेना में काम करने वाले किसी शख्स पर गद्दारी का शक हो जाए या किसी व्यक्ति के खिलाफ ऐसी शिकायत मिल जाए तो वो उसे किसी कीमत पर छोड़ता नहीं है। फिर ऐसे शख्स के लिए इस तरह की सजा तय कर देता है कि उसकी कई पुश्ते दहशत में जीती हैं और बाकी लोगों के लिए एक उदाहरण कायम हो जाता है।

दुनिया के सबसे बड़े तानाशाह किम जोंग ने दुनिया को अपने रहस्यों में पहले ही उलझा रखा है। दुनिया के सामने किम जोंग के डुप्लीकेट के आने का राज अब तक राज ही है, कोई भी ये नहीं जान पाया कि किम जोंग का डुप्लीकेट असल में है भी या नहीं। मगर कोरिया और तानाशाह किम को जानने वाले तो यही कहते हैं कि वहां कुछ भी संभव है। जब तक तानाशाह किम है वो कुछ भी कर सकता है जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते।

दूसरे देशों की तरह नहीं सजाते किम कोई अदालत, सीधे फैसला

दूसरे देशों में जहां किसी आरोपित को सजा देने के लिए मुकदमा दर्ज किया जाता है, वकील रखे जाते हैं, सबूत और गवाहों को पेश किया जाता है, जज कई माह तक मामले की सुनवाई करते हैं, तमाम सबूत देखने और गवाहों के बयान सुनने के बाद वो अपना फैसला सुनाते हैं वहीं नार्थ कोरिया में ऐसा कुछ भी नहीं होता, वहां तानाशाह की अदालत चलती है। न वकील, न बहस, न सबूत, न जज सीधे फैसला तय हो जाता है। ये खौफनाक फैसला भी कोरिया के इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाता है।

हाल ही में नॉर्थ कोरिया की सेना में ऐसा कुछ हुआ है जिसकी वजह से तानाशाह किम ने कुछ कठोर फैसले लिए हैं, इन फैसलों से वहां की सेना में खलबली मची हुई है। अब लोग हैरान हैं कि यदि तानाशाह ने कुछ बदलाव किया है तो कुछ न कुछ बात जरूर होगी। यदि किसी पर आरोप लगा है तो उसको सजा देने की तैयारी चल रही है। चीजें सामने आएंगी मगर सजा हो जाने के बाद। तानाशाह के सबसे ताजा फैसले ने नॉर्थ कोरिया की सेना में ही खलबली मचा दी है।

दरअसल किम जोंग ने हाल में अपने बॉडीगार्ड और खुफिया एजेंसी के प्रमुख को पद से हटा दिया है। बॉडीगार्ड बदलने की वजह अभी सामने भी नहीं आई है मगर तानाशाह किम जोंग के फरमान से सेना में हड़कंप मच गया है। ये भी खबर है कि तानाशाह किम जोंग उन ने अपनी सेना में भ्रष्टाचार की जांच के आदेश दिए हैं।

किम की सजा देने के तरीके सुनकर कांप जाते हैं लोग

दुनिया में किम जोंग की चाक चौबंद सुरक्षा घेरे की आए दिन चर्चा होती रहती है लेकिन जैसे ही किम जोंग के सजा देने का जिक्र होता है लोग उसके बारे में सुनकर ही अंदर तक कांप जाते हैं। कई लोग तो ऐसी सजाओं के बारे में सोचकर ही गश खाकर गिर जाते हैं। साल 2011 में नॉर्थ कोरिया की गद्दी संभालने वाले किम जोंग उन ने सजा देने के मामले में अब तक किसी को भी नहीं बख्शा है चाहे वो सेना का अधिकारी हो या फिर किम के परिवार का कोई सदस्य।

अपने अंकल को 3 दिन से भूखे 120 कुत्तों के सामने फिंकवाया

किम ने एक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अपने परिवार से लेकर खास लोगों को ऐसी सजा दी है कि नॉर्थ कोरिया के लोग नींद में भी किम के नाम से कांप जाते हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टस की मानें तो किम जोंग ने पहली और सबसे खौफनाक सजा अपने ही अंकल जेंग सोंग थाएक को दी थी। किम जोंग के गद्दी पर बैठने से पहले वो उनके संरक्षक थे।

किम जोंग ने गद्दारी के शक के में अंकल जेंग सोंग को 3 दिनों से भूखे 120 कुत्तों के सामने फिंकवा दिया था। अब आप अंदाजा लगाईए कि तीन दिनों से भूखे 120 कुत्तों ने किम के अंकल जेंग सोंग थाएक का क्या हाल किया होगा और कितनी देर में कितनी बुरी तरह से उनकी जान निकाल ली होगी। उन चीखों और उस समय के दृश्य की कल्पना करके देखिए कि कितना भयावह रहा होगा वो मंजर, मगर किसी ने भी इस बात पर कोई आपत्ति नहीं की।

आलोचना करने पर वाइस प्रीमियर को गोलियों से भूनवाया

उसके बाद दूसरी सजा वाइस प्रीमियर चोइ योंग को मिली। किम जोंग ने वाइस प्रीमियर पर एके-47 और इस तरह के कुछ हथियारों से ताबड़तोड़ गोलियां चलवाकर चंद मिनटों में ही उनको खत्म करवा दिया था। हिंदुस्तान या किसी और देश में जहां नेता एक दूसरे की जमकर आलोचना करते है वहीं किम के शासन में ऐसा करना बड़ा अपराध है। वाइस प्रीमियर की भी गलती इतनी ही थी कि उन्होंने तानाशाह किम की आलोचना की थी।

शिक्षा मंत्री सीधे नहीं बैठे तो गोली से भून दिए गए

भारत में तो संसद सत्र के दौरान कई बार नेता मोबाइल में मूवी देखते और अपनी सीट पर सोते हुए दिखाई दे जाते हैं मगर किम को संसद में भी नियम कानून का पालन करने की सख्त आदत है। एक बार उनकी संसद में शिक्षा मंत्री सीधा नहीं बैठे थे वो आराम से कुर्सी पर बैठे थे, किम इसी बात पर नाराज हो गए और उन्होंने शिक्षा मंत्री को गोलियों से भूनवा दिया।

सेना प्रमुख को आई झपकी तो मिली मौत की सजा

ऐसा नहीं है कि तानाशाह किम सिर्फ नियम कानून का ही पक्का है वो किसी अन्य गलती के लिए भी मौत की ही सजा सुनाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक तानाशाह किम जोंग ऐसे ही बैठक में झपकी आने पर भी मौत की सजा सुना दी थी। किम की सजा के शिकार उसके रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख भी बन चुके हैं।

सेना के अधिकारियों को नरभक्षी मछलियों से भरे टैंक में फिंकवाया

किम जोंग ने सबसे अजीब सजा तो सेना के अधिकारियों को दी। किम जोंग ने सेना के कुछ अधिकारियों को जेम्स बॉन्ड की तरह फिल्मी अंदाज में नरभक्षी पिरहाना मछलियों से भरे टैंक में भी फिंकवा दिया था। सेना के इन अधिकारियों के खिलाफ भी किम को शिकायत मिली थी। सेना में इस बात को लेकर भी दहशत रहती है कि यदि किसी ने किम के नियमों के हिसाब से काम नहीं किया तो उनको क्या सजा मिल जाए ये तय नहीं है। सेना के एक बड़े वर्ग में ऐसी सजाओं को लेकर अलग ही दहशत रहती है।

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