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Rajya Sabha Election 2022: राज्यसभा की 57 सीटों में से 16 पर वोटिंग जारी, इन राज्यों में पार्टियों को सता रहा क्रॉस वोटिंग का डर, जानें- बड़ी बातें

Arun Mishra
10 Jun 2022 5:13 AM GMT
Rajya Sabha Election 2022: राज्यसभा की 57 सीटों में से 16 पर वोटिंग जारी, इन राज्यों में पार्टियों को सता रहा क्रॉस वोटिंग का डर, जानें- बड़ी बातें
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हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान और महाराष्ट्र की 16 राज्यसभा सीटों पर चुनाव शुरू हो गए हैं।

हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान और महाराष्ट्र की 16 राज्यसभा सीटों पर चुनाव शुरू हो गए हैं। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि चुनाव के नतीजे देर शाम तक जारी हो सकते हैं। चारों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस समेत कई बड़े सियासी दल दम भर रहे हैं। वहीं, मतदान प्रक्रिया को लेकर भी सियासी दलों से लेकर चुनाव आयोग तक खासे सतर्क हैं। हालांकि, राज्यसभा चुनाव के लिए 57 सीटों पर चुनाव का ऐलान हुआ था, लेकिन उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पंजाब, तेलंगाना, झारखंड तथा उत्तराखंड में पहले ही 41 उम्मीदवारों को निर्विरोध चुना गया। बाकी बचे 16 सीटों के लिए आज वोटिंग होगी क्योंकि उम्मीदवारों की संख्या सीटों से अधिक है।

महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटों के लिए मतदान की प्रक्रिया चल रही है. बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस विधान भवन पहुंच चुके हैं. इधर, कैबिनेट मंत्री नितिन राउत ने कहा कि हमारी जीत सुनिश्चित है. पिछले ढाई साल में महा विकास आघाड़ी ने काम किया है और उसका परिणाम आज दिखेगा.

हरियाणा के दो राज्यसभा सीटों के लिए मतदान शुरु हो गया है. विधायकों का विधानसभा भवन पहुंचने का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में कांग्रेस से नाराज विधायक कुलदीप बिश्नोई भी पहुंचे. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुनूंगा. बता दें कि हरियाणा राज्यसभा चुनाव में पहली सीट जीतने के लिए 31 और दूसरी के लिए 30 विधायक वोटों की आवश्यकता है. इसका मतलब है कि बीजेपी उम्मीदवार को 31 वोट चाहिए और कांग्रेस उम्मीदवार को 30 वोट चाहिए. बीजेपी के पास 40 विधायक हैं, इसलिए वो एक सीट आराम से जीत सकती है. जबकि कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं. ऐसे में बिश्नोई वोट न भी दें तो भी माकन सुरक्षित हैं.

राजस्थान से राज्यसभा की चार सीट के लिए शुक्रवार को मतदान हो रहा है। इसबीच बीते एक सप्ताह से उदयपुर के होटल में वक्त बिता रहे कांग्रेस और उसे समर्थन दे रहे विधायकों ने राजधानी जयपुर में रात बिताई। राज्यसभा चुनाव के रोमांच के बीच शुक्रवार को लगभग सप्ताह भर से जारी आरोपों, उम्मीदों व अटकलों के दौर का खत्म हो जाएगा। सत्तारूढ़ कांग्रेस व विपक्षी दल भाजपा ने आशंका जताई थी कि इस चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त हो सकती है, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को उम्मीद है कि आठ विधायकों की क्रॉस वोटिंग के समर्थन से वह जीतेंगे। हालांकि तीन सीट जीतने के लिए पर्याप्त संख्या बल के कांग्रेस के दावे के बावजूद चौथी सीट पर पेच को लेकर अटकलें जारी हैं।

राज्यसभा को समझिए : राज्यसभा का गठन देश में साल 1954, 23 अगस्त को किया गया था. गठन का मकसद था एक स्थायी सदन का होना. जिस तरह लोकसभा भंग हो सकती है उस तरह राज्यसभा भंग नहीं होती क्योंकि इसे स्थाई सदन माना गया है. राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल भी चुने हुए सांसदों से एक साल ज्यादा यानी छह साल का होता है.

संविधान के अनुच्छेद 80 के अनुसार राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 250 हो सकती है. इन 250 में से 238 सदस्य किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से चुने जाते हैं. शेष 12 सदस्य देश के कोई भी प्रतिष्ठित व्यक्ति हो सकते हैं. जिन्हें राष्ट्रपति नामित करते हैं.

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