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चीनी कंपनी Xiaomi को बड़ा झटका, भारत के बैंक खातों में जमा 5,551 करोड़ रुपये ED करेगी जब्त

Shiv Kumar Mishra
1 Oct 2022 10:55 AM IST
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देश की सबसे बड़ी जब्तीविदेशी मुद्रा विनिमय के उल्लंघन से संबंधित मामलों का नियमन करने वाले फेमा कानून के तहत प्राधिकरण की मंजूरी लेना जरूरी होता है

Xiaomi India: विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत गठित सक्षम प्राधिकरण ने चीनी मोबाइल फोन विनिर्माता शाओमी के बैंक खातों में जमा 5,551 करोड़ रुपये जब्त किए जाने के आदेश को स्वीकृति दे दी है। यह भारत में अबतक की सबसे बड़ी जब्ती है। प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को फेमा सक्षम प्राधिकरण के इस फैसले की जानकारी दी।

विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (fema) के तहत गठित सक्षम प्राधिकरण ने स्मार्टफोन बनाने वाली चीनी कंपनी शाओमी (Xiaomi) के बैंक खातों में जमा 5,551 करोड़ रुपये जब्त किए जाने के आदेश को स्वीकृति दे दी है। यह भारत में अबतक की सबसे बड़ी जब्ती है। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने शुक्रवार को फेमा सक्षम प्राधिकरण के इस फैसले की जानकारी दी। ईडी (Enforcement Directorate) ने गत 29 अप्रैल को फेमा कानून के तहत शाओमी की इस बैंक जमा को जब्त करने का आदेश जारी किया था।

बाद में इस आदेश को प्राधिकरण की स्वीकृति के लिए भेजा गया था। विदेशी मुद्रा विनिमय के उल्लंघन से संबंधित मामलों का नियमन करने वाले फेमा कानून के तहत प्राधिकरण की मंजूरी लेना जरूरी होता है।

ईडी ने एक बयान में कहा कि फेमा कानून की धारा 37ए के तहत शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ उसकी बैंक जमाओं को जब्त करने का आदेश जारी किया गया है। ईडी ने कहा, ''यह भारत में जब्ती के आदेश वाली सर्वाधिक राशि है जिसे प्राधिकरण की मंजूरी मिली है।''

ईडी के मुताबिक, प्राधिकरण ने 5,551.27 करोड़ रुपये मूल्य की विदेशी मुद्रा के शाओमी इंडिया द्वारा अनधिकृत ढंग से भारत से बाहर भेजे जाने के मामले में एजेंसी के कदम को सही पाया है। प्राधिकरण ने यह भी कहा है कि रॉयल्टी भुगतान के नाम पर देश के बाहर विदेशी मुद्रा भेजना फेमा कानून का खुला उल्लंघन है।

ईडी अधिकारियों की मानें तो कंपनी ने साल 2014 में भारत में काम शुरू किया और साल 2015 से पैसा भेजना शुरू कर दिया। कंपनी ने तीन विदेशी आधारित संस्थाओं को 5551.27 करोड़ रुपये के बराबर विदेशी करेंसी इन्वेस्ट की, जिसमें रॉयल्टी की आड़ में एक शाओमी समूह इकाई शामिल है। रॉयल्टी के नाम पर इतनी बड़ी रकम कंपनी के चीनी समूह की संस्थाओं के आदेश पर भेजी गई थी।

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