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Corona की मजाक उड़ाने वाले Tanzania के राष्ट्रपति John Magufuli का निधन
तंजानिया के राष्ट्रपति जॉन मगुफुली (John Magufuli) का 61 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. तंजानिया की उपराष्ट्रपति सामिया सुलुहु ने मगुफुली के निधन की पुष्टि की है. आशंका जताई जा रही है कि राष्ट्रपति कोरोना संक्रमित (Corona Positive) थे. हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है.
27 फरवरी के बाद से राष्ट्रपति जॉन मगुफुली को सार्वजनिक कार्यक्रम में नहीं देखा गया था, जिसके बाद से उनकी बीमारी को लेकर कयासों का दौर जारी था. यह भी कहा जा रहा था कि वह गुपचुप कोरोना का इलाज करवा रहे हैं.
आक्रामक लीडरशिप के लिए थे प्रसिद्ध
राष्ट्रपति मगुफुली संडे चर्च सर्विस में अक्सर हिस्सा लेते थे, लेकिन 27 फरवरी के बाद से उन्हें किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नहीं देखा गया. ऐसी चर्चा थी कि वह बीमार हैं और विदेश में इलाज करा रहे हैं. 2010 में तंजानिया में परिवहन मंत्री के रूप में दोबारा नियुक्त होने पर उन्हें काफी लोकप्रियता हासिल हुई थी. आक्रामक लीडरशिप और सड़क निर्माण उद्योग में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की वजह से उनका नाम बुलडोजर (Bulldozer) रख दिया गया था.
जॉन मगुफुली 2015 में राष्ट्रपति के रूप में पहली बार नियुक्त हुए थे. इसके बाद 2020 में उन्हें दोबारा प्रेसिडेंट चुना गया. मगुफुली भी उन देशों के प्रमुखों में शामिल थे, जिन्होंने कोरोना के खतरे को गंभीरता से नहीं लिया. राष्ट्रपति मगुफुली ने कहा था कि भगवान कोरोना से बचाएगा और इलाज जैसे कि भाप लेने से तंजानिया के लोग कोरोना से सुरक्षित रहेंगे. इतना ही नहीं, उन्होंने कोरोना वायरस टेस्ट का मजाक उड़ाते हुए वैक्सीन को खतरनाक और पश्चिमी देशों की साजिश बताया था. इसके अलावा, उन्होंने मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपायों का भी विरोध किया था.
विपक्ष ने किया था India में इलाज का दावा
हाल ही में तंजानिया के मुख्य विपक्षी नेता ने राष्ट्रपति जॉन मगुफुली के स्वास्थ्य पर सनसनीखेज खुलासा किया था. उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति कोरोना संक्रमित हैं और भारत में इलाज करवा रहे हैं. मगुफुली के हाथों पिछले चुनाव में पराजित होने वाले टुंडु लिसु ने केन्या के मेडिकल और सुरक्षा सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि राष्ट्रपति को केन्या के अस्पताल से ट्रांसफर कर भारत ले जाया जा चुका है और कोमा में हैं. हालांकि, उन्होंने अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत मुहैया नहीं कराया था.