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नशा करने के लिए सैनेटरी पैड उबालकर पी रहे हैं इस देश के लोग
सैनेटरी पैड से नशा, ये सुनकर शायद आपको यकीन नहीं होगा और अजीब लगेगा। लेकिन आज के युवाओं में नशे का ये तरीका ट्रेंड कर रहा है। कई रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा रहा है कि इंडोनेशिया में टीनएजर्स सैनेटरी पैड्स और टैम्पून्स उबालकर नशा कर रहे हैं। जिसमें इस्तेमाल हो चुके सैनिचरी पैड भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि सैनिटरी पैड से नशा कानूनी भी है और सस्ता भी।
इंडोनेशिया नेशनल ड्रग एजेंसी (BNN) के मुताबिक, सैनिटरी पैड फॉर्मूला को पीने से लोगों को नशे और बेसुध होने का एहसास होता है और इस नशे के लिए पैड्स बनाने के लिए इस्तेमाल होनेवाला क्लोरीन जिम्मेदार है। इंडोनेशिया के स्थानीय अखबारों (जकार्ता पोस्ट, जावा पोस और पोस बेलिटुंग) में पिछले दिनों से नशे के इस नए ट्रेंड के बारे में लगातार रिपोर्ट्स छप रही हैं।
मीडिया में आयी खबरों के मुताबिक, बीएनएन के अध्यक्ष सीनियर कमांडर सुप्रिनार्टो ने बताया, कूड़े-कचरे से उठाए गए सैनिटरी पैड्स को लोग उबलते पानी में डाल देते हैं। ठंडा होने पर वे इस लिक्विड को साथ बैठकर पीते हैं। अधिकारी का कहना है कि सैनिटरी पैड्स बनाने के लिए जिस प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है, वो लीगल है लेकिन इसे जिस उद्देश्य के लिए बनाया गया है, उस रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है जो सही नहीं है। युवा वर्ग इसे ड्रग की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जकार्ता की राजधानी जावा से कई लोगों को सैनिटरी पैड्स से नशा करते पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया है। इस नशे के आदि एक बच्चे ने स्थानीय अखबार को बताया, 'पैड का रैपर हटाकर इसे एक घंटे तक उबाला जाता है और उसके बाद इसे निचोड़कर लिक्विड एक कंटेनर में रख लिया जाता है।' हालांकि, इसका स्वाद कड़वा होता है लेकिन यहां दिन भर बच्चे और युवा इस लिक्विड को पीते हैं। बताया जा रहा है कि करीब दो साल पहले इस तरह के नशे का ट्रेंड शुरु हुआ।
फिलहाल इसके खिलाफ कोई कानून नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस तरह की गतिविधियों में लिप्त अधिकतर बच्चे गरीब और वंचित तबकों से है, वही इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वे इस बात की जांच करेंगे कि टैम्पून्स और पैड्स में कौन से कैमिकल्स हैं जिससे इतना नशा होता है।