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बांग्लादेश के रोहिंग्या कैंप में लगी भयानक आग! 2000 घर जलकर खाक, 12000 से ज्यादा लोग हुए बेघर, देखें तस्वीरे

Shiv Kumar Mishra
6 March 2023 7:47 AM GMT
बांग्लादेश के रोहिंग्या कैंप में लगी भयानक आग! 2000 घर जलकर खाक, 12000 से ज्यादा लोग हुए बेघर, देखें तस्वीरे
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Rohingya Refugee Camp: बांग्लादेश में रविवार को एक रोहिंग्या कैंप में भयंकर आग लग गई. इस आग ने कैंप के 2000 से ज्यादा घरों को जलाकर खाक कर दिया. कैंप में 12 हजार से ज्यादा लोग रह रहे थे. आग स्थानीय समयनुसार दोपहर करीब 2:45 बजे लगी. यह कैंप कॉक्स बाजार जिले के बालूखाली में स्थित है. आग लगने के बाद इसने तेजी से बांस और तिरपाल से बने आश्रयों को अपनी चपेट में ले लिया.

न्यूज एजेंसी AP के अुसार अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी इमदादुल हक ने कहा कि कॉक्स बाजार जिले के बालूखाली शिविर में लगी आग में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. बांग्लादेश में UNHCR ने एक ट्वीट में कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी स्वयंसेवकों ने एजेंसी और उसके सहयोगियों द्वारा आग वाले इलाके में सहायता प्रदान की है.


कई दशकों में 10 लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी म्यांमार से बांग्लादेश भाग गए हैं, जिनमें लगभग 740,000 शरणार्थी भी शामिल हैं. इन्होंने अगस्त 2017 में सीमा पार की थी, जब म्यांमार की सेना ने एक क्रूर कार्रवाई शुरू की थी. मालूम हो कि म्यांमार में उत्पीड़न से बचने के लिए यह बांग्लादेश भाग गए थे. इसे अमेरिका ने नरसंहार के बराबर बताया.


AFP से बात करते हुए 30 वर्षीय रोहिंग्या व्यक्ति मामून जौहर ने कहा, 'मेरा घर नष्ट हो गया, मेरी दुकान भी जल गई. आग ने मुझसे सब कुछ ले लिया, सब कुछ.' तीन घंटे से भी कम समय में आग पर काबू पा लिया गया. आग कैसे लगी फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है. अधिकारियों ने जांच के आदेश दे दिए हैं.


बता दें कि शिविरों में आग लगना आम बात है, जहां लगभग दस लाख रोहिंग्या शरणार्थी खराब परिस्थितियों में रहते हैं. पिछले महीने बांग्लादेश के रक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि जनवरी 2021 और दिसंबर 2022 के बीच, रोहिंग्या शिविरों में आग लगने की 222 घटनाएं हुई हैं. इनमें आगजनी के 60 मामले शामिल हैं.


मार्च 2021 में, रोहिंग्या कैंप में सबसे भयानक आग लगी थी. उसमें कम से कम 15 लोग मारे गए थे और लगभग 50,000 विस्थापित हो गए थे. आग ने एक बस्ती में पूरे ब्लॉक को अपनी चपेट में ले लिया था. साल 2021 में सैन्य अधिग्रहण के बाद से म्यांमार में हालात बदतर हो गए हैं और शरणार्थियों को वापस भेजने के प्रयास विफल रहे हैं.

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