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#Britain में कार्यरत इस भारतीय डॉक्टर जोड़े ने ब्रिटिश सरकार को कोर्ट में दी चुनौती

Shiv Kumar Mishra
28 April 2020 2:07 PM GMT
#Britain में कार्यरत इस भारतीय डॉक्टर जोड़े ने ब्रिटिश सरकार को कोर्ट में दी चुनौती
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साथ ही अगर कहीं PPE किट्स पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध ना हों तो स्टाफ के पास वो अधिकार होचा चाहिए कि वो काम करने से मना कर सकें. हम इस संबंध में नीति-निर्माताओं की जवाबदेही चाहते हैं

ब्रिटेन में कार्यरत एक भारतीय डॉक्टर जोड़े ने ब्रिटिश सरकार को कोर्ट में चुनौती दी है. इन्होंने हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स (PPE) की किल्लत और नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) की ओर से इनके इस्तेमाल के लिए जारी गाइडलाइंस को मुद्दा बनाया है. डॉ मीनल विज क्लिनिकल फेलो हैं और 6 महीने की प्रेग्नेंट हैं, वहीं उनके पति डॉ निशांत जोशी जनरल प्रैक्टिशनर (जीपी) ट्रेनी हैं. डॉक्टर दंपति ने PPE की कमी का हवाला देने के साथ दावा किया है कि NHS की ओर से इनके इस्तेमाल के लिए जो निर्देश दिए गए हैं वो WHO की गाइडलाइंस और ब्रिटेन के अपने सुरक्षा कानून से मेल नहीं खाते.

बता दें कि Covid-19 महामारी का प्रकोप शुरू होने के बाद NHS से जुड़े 80 हेल्थवर्कर्स की मौत हो चुकी है. इनमें अश्वेत और एशियाई लोगों का अनुपात अधिक है. ऐसी परिस्थितियों में भारतीय मूल के डॉक्टर दंपति ने चिंता जताते हुए अपनी बात रखी है क्योंकि उन्हें भी Covid-19 मरीजों के इलाज के लिए उनके संपर्क में आना होता है.

डॉक्टर दंपति ने लंदन में मुख्यालय वाली लॉ फर्म बाइंडमैन्स एलएलपी के जरिए अपना बयान जारी किया. इसमें कहा गया है- "हम लोग हेल्थकेयर वर्कर्स के Covid-19 से गंभीर रूप से बीमार होने और मौतों के लगातार बढ़ते आंकड़े से चिंतित हैं. ये सरकार का दायित्व है कि वो हेल्थकेयर वर्कर्स को बचाए. इस बात को लेकर स्टाफ में बहुत बेचैनी है कि सेफ्टी प्रोटोकॉल्स को बिना किसी कारण से बदला जा रहा है. जब भी कोई हेल्थकेयर वर्कर Covid-19 की वजह से अस्पताल में भर्ती होता है तो उसके सहयोगियों, दोस्तों और परिवार पर बड़ा दबाव बन जाता है. अगर कोई साथी इस हालत में हो तो पूरी वर्कफोर्स पर मानसिक तनाव बढ़ता है."

लॉ फर्म ने ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक को चिट्ठी लिख कर आधिकारिक PPE गाइडलाइंस की समीक्षा किए जाने की मांग की है. साथ ही उपकरणों की आपूर्ति के सोर्स पर भी सवाल उठाया है.

डॉक्टर जोड़े का कहना है, "जिन हेल्थकेयर वर्कर्स की जान गई है सरकार को उनके परिवार से माफी मांगनी चाहिए. उनमें से अधिकतर अपने प्रियजन के आखिरी लम्हों में उसके साथ मौजूद नहीं हो सके. उनका दुख सोचा नहीं जा सकता. हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि किसी और परिवार को ये पीड़ा न सहनी पड़े."

डॉक्टर दंपति ने कहा, "जो PPE हेल्थकेयर वर्कर्स को दिए जाएं वो WHO स्टैंडर्ड्स के हिसाब से होने चाहिए. साथ ही अगर कहीं PPE किट्स पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध ना हों तो स्टाफ के पास वो अधिकार होचा चाहिए कि वो काम करने से मना कर सकें. हम इस संबंध में नीति-निर्माताओं की जवाबदेही चाहते हैं."

बाइंडमैन्स एलएलपी के सॉलिसिटर बसमाह साहिब ने PPE किट्स मांगने पर हेल्थकेयर वर्कर्स को घुड़की दिए जाने की शिकायतों पर कहा, "किसी भी वर्कर की ओर से वाजिब सुरक्षा उपकरण की मांग किए जाने पर उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए."

डॉक्टर दंपति ने कहा, "हम डॉक्टर हैं, हम नर्स हैं, हम हेल्थकेयर वर्कर्स हैं. आपकी जरूरत के वक्त हम आपके साथ रहेंगे. हम आपके परिवार के लिए मौजूद रहेंगे. सरकार को हमें बचाने की जरूरत है, जिससे कि हम आपको बचा सकें."

ब्रिटेन में PPE किट्स की किल्लत, लॉकडाउन किए जाने में देरी, टेस्टिंग आदि के मुद्दों को लेकर ब्रिटिश सरकार को हर तरफ से आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन Covid-19 से रिकवर होने के बाद सोमवार को ही डाउनिंग स्ट्रीट लौटे हैं. उनके सामने लॉकडाउन से निकलने की रणनीति, PPE किट्स की किल्लत और देश में मौत का आंकड़ा 20,000 से पार पहुंचने जैसे मुद्दे उनके लिए बड़ी चुनौती हैं.

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