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वाशिंगटन: जमाल खशोगी हत्याकांड में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर मुकदमा
पत्रकार जमाल खशोगी (Jamal Khashogi) के कत्ल के मामले में उनके परिवार ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान (Mohammad Bin Salman) के खिलाफ वाशिंगटन की एक अदालत में मंगलवार को मुकदमा दर्ज कराया है. सलमान पर खशोगी की हत्या का आदेश देनें का आरोप लगाया गया है.
यह मुकदमा खशोगी की मंगेतर हैटिस सेंगीज और मानवाधिकार संगठन डेमोक्रेसी फॉर अरब वर्ल्ड नाउ की ओर से दर्ज कराया गया है. खशोगी ने अपनी मृत्यु से कुछ दिन पहले इस संगठन का गठन किया था. मुकदमें सलमान के अलावा सऊदी अरब के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय के अधिकारियों को भी नामजद किया गया है. दो दर्जन लोगों के साथ उन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है जो अभी इस मामले के कारण जेल में हैं.
मुकदमा चलाना मुश्किल
संघीय अदालत में विदेशी नेताओं पर मुकदमा चलाना एक मुश्किल काम है. इस मामल में वकील का कहना है कि हम सऊदी अरब के दस्तावेज़ और उनकी मृत्यु के बारे में अधिक जानकारी को उजागर करेंगे. मुकदमा 1991 के अत्याचार पीड़ित संरक्षण अधिनियम के तहत दायर किया गया था. इस कानून का उपयोग अन्य विदेशी नेताओं पर मुकदमा करने के लिए किया गया है.
इस मामले में वकील कीथ एम हार्पर ने कहा कि "जमाल खशोगी एक अमेरिका के रहने वाले थे. इस मुकदमें के जरिए उन लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा जिन्होंने खशोगी का अपहरण, उन पर अत्याचार किया और बाद में उनकी हत्या कर दी." वहीं दूसरी तरफ वाशिंगटन में सऊदी दूतावास के एक प्रवक्ता ने मुकदमे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
क्या हुआ था खशोगी के साथ
जमाल खशोगी को इस्तांबुल (तुर्की) में 2 अक्टूबर, 2018 को सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास के अंदर मार डाला गया था. वह अपनी शादी से जुड़ी कागजी कार्रवाई के लिए गए थे. उनकी मंगेतर बाहर उनका इंतजार कर रही थीं. हत्याकांड की जांच में पता चला था कि खशोगी को सऊदी अरब के खुफिया विभाग के खास दस्ते ने बहुत ही दर्दनाक तरीके से मौत दी थी.
इतना ही नहीं खशोगी की लाश को वाणिज्यिक दूतावास के अंदर ही नष्ट कर दिया गया था जो कभी नहीं मिला. पत्रकार की इस बर्बर हत्या की दुनियाभर में कड़ी निंदा की गई थी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले में निष्पक्ष जांच के लिए कहा था. इस हत्याकांड के बाद सऊदी अरब के खुफिया विभाग की संलिप्तता सामने आई और अब उनके लिए सजा का ऐलान हुआ है.
लेकिन तुर्की के अधिकारियों में हत्या का एक ऑडियोटेप हासिल कर लिया था. बाद में इस टेप को उन्होंने CIA के डायरेक्टर गिना हसपेल (Gina Haspel) को दिया था. ऑडियो टेप सुनने के बाद CIA इस निष्कर्ष पर पहुंचा था कि खशोगी को मारने के लिए प्रिंस मोहम्मद ने आदेश दिया था.