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जम्मू कश्मीर में 15 जुलाई तक 110 युवाओं ने किये आतंकी संगठन ज्वाइन, जानिए पूरी रिपोर्ट
शिव कुमार मिश्र
29 July 2018 6:23 PM IST

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श्रीनगर: कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों में शामिल होने वाले स्थानीय युवा की संख्या इस साल 15 जुलाई तक 110 तक रही. जबकि दक्षिण कश्मीर में आतंकवादी हिट जिले शोपियां में सबसे खराब अधिकतम 28 लोग ने आतंकवादी संगठन में भर्ती के लिए जिम्मेदार ठहराया गया. इन संगठनों में भर्ती किए गए स्थानीय लोगों की संख्या पिछले वर्ष 126 थी और अधिकारियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल यह आंकड़ा बड सकता है.
उन्होंने कहा कि पिछले महीने राज्य में गवर्नर के शासन को लागू करने के बाद लापता लोगों की रिपोर्ट नीचे आ गई है, लेकिन उन्होंने कहा कि कुछ युवा आतंकवादी संगठन में शामिल होना अब भी जारी रखे हुए है.
सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि अत्यधिक अस्थिर दक्षिण कश्मीर, जिसमें शॉपियन, पुलवामा, अनंतनाग और कुल्लम जिलों शामिल हैं, अवंतिपोरा के अलावा, आईएसआईएस-कश्मीर और अंसार गजवत-उल-हिंद समेत आतंकवादी समूहों में शामिल होने वाले उच्च संख्या में युवाओं के लिए एक क्षेत्र बना रहा है जो एक संगठन जो अल-कायदा के समर्थन का दावा करता है.
उन्होंने कहा कि इन पांच क्षेत्रों में, 91 युवा घाटी में चल रहे विभिन्न आतंकवादी समूहों में शामिल हो गए. अधिकारियों ने बताया कि सरकार के पॉलीटेक्निक संस्थान में डिप्लोमा कोर्स के चौथे सेमेस्टर में पढ़ रहे गंदेरबल के युवा राउफ के गायब होने के बाद उनकी तस्वीर आतंकवाद में शामिल लोंगों के साथ सोशल मीडिया पर देखी गई.
यदि यह प्रवृत्ति जारी है, तो अधिकारियों के अनुसार 2018 विभिन्न आतंकवादी समूहों में शामिल युवाओं की संख्या के मामले में सबसे खराब वर्ष के रूप में समाप्त हो सकता है. पिछले साल, कुल 126 युवाओं ने बंदूक उठाई थी. राज्य विधानसभा और संसद में पेश किए गए हालिया आंकड़ों के मुताबिक यह 2010 के बाद से सबसे ज्यादा संख्या थी.
2014 से 2013 की अवधि की तुलना में 2014 से घाटी में हथियार लेने वाले युवाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है, जब आंकड़े क्रमश: 54, 23, 21 और 6 पर थे.आंकड़ों से पता चला है कि 2014 में, 53 और 2015 में यह संख्या 66 हो गई, जबकि 2016 में यह 66 हो गई,अब यह आंकड़ा 88 था.
इस साल, आतंकवादी समूहों में शामिल होने वाले युवाओं में जूनियर अशरफ सेहराई कश्मीर विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री धारक और मोहम्मद अशरफ सेहराई के बेटे शामिल हुए थे, जिन्होंने सैयद अली शाह जिलानी से तेहरैक-ए-हुर्रियत के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था. तेहरिक-ए-हुर्रियत अलगाववादी समूहों के समर्थक पाकिस्तान के सभी संगठन है.
अधिकारियों ने बताया कि सूची में कुपवाड़ा के रहने वाले 26 वर्षीय पीएचडी विद्वान मनन बशीर वानी भी शामिल थे. वानी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ रहे थे.उन्होंने कहा कि घुसपैठ बढ़ रही थी और कुछ आतंकवादी जम्मू क्षेत्र के पुंछ और राजौरी जिलों के साथ-साथ कश्मीर में एलओसी के माध्यम से घाटी में घुसने में कामयाब रहे थे.
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