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नई साल की सुबह पहुंचेगा जब शहीद का शव, क्या बीतेगी परिजनों पर सोचा किसी नेता ने!

नई साल की सुबह पहुंचेगा जब शहीद का शव, क्या बीतेगी परिजनों पर सोचा किसी नेता ने!
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नई दिल्ली: पुलवामा में हमारे देश के चार जवान शहीद हो गये. इस शहादत को हम कैसे भूल पाएंगे. जाते जाते साल आंतकी हमको इतना बड़ा दर्द दे गए जिसका शूल आने वाली साल में भी होगा.


हमारे शहीद हुए जवानों के शव जब कल पहली तारीख की किरन फूटते ही उसके घर में दाखिल होगा तो क्या बीतेगी उसके परिजनों पर इसका किसी भी नेता के पास जबाब है. नहीं उस मासूम को नई साल कितना सालेगी जब जब आएगी जिसके सर से उसके बाप का सहारा छीन गया है. कमाल है इस देश की हिन्दू मुस्लिम विरोधी राजनीत को जो अब तक शहीद होने वाले जवानों का आंकड़ा हर पंच वर्षीय से काफी आगे निकल चूका है.



हर सैनिक के शव के बदले में तीन शव लाने वाले लोग टीवी पर इतनी नफरत फैलाने में मशगूल है. बस आँख मुदकर हिन्दू भी साथ देता चला जा रहा है. क्या शहीद होने वाला एक भी सैनिक किसी राजनेता का बेटा है. अगर है तो हमें जरुर बता देना. नहीं तो तुम्हे कसम है इन नफरत फैलाने वालों को सबक जरुर सिखा देना.


हम अपनी अश्रुपूरित भावभीनी श्रधान्जली शहीद सैनिको को देते है. हम सौगंध लेते है कि हम नई साल को कोई कार्यक्रम स्वीकार नहीं करेंगें.

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