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मां की पुकार पहुंची बेटे तक तो फुटबॉलर बने लश्कर आतंकी माजिद ने किया सरेंडर
आनंद शुक्ल
17 Nov 2017 12:42 PM IST

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जब से वह आतंकी बना है, पूरे घर में मातम पसरा हुआ है। मां को दिलासा देने में उसकी दोनों बहनें उसके गायब होने के दिन से ही मायके में हैं। फूफी और मौसी भी रोती रहती हैं।
श्रीनगर: डल झील से 67 किलोमीटूर दूर दक्षिण कश्मीर में सादिकाबाद (अनंतनाग) क्षेत्र में एक सप्ताह से अजब सी बेचैनी छाई हुई है। कोई ज्यादा बात नहीं करता। सिर्फ दुआ करता है कि माजिद इरशाद वापस आ जाए। मां आयशा बेगम इतना ही कहती कि बेटा एक बार घर आ जाओ, मुझे और अपने बाप का कत्ल कर दो और फिर जहां जाना है, चले जाओ।
बहनें एक सप्ताह से भाई के इंतजार में मायके में हैं, रोज सुबह सूरज उगने के साथ इरशाद के लौटने की उम्मीद में घर के दरवाजे खोलती हैं। शाम को सूरज ढलने के साथ मायूस हो किवाड़ बंद करती हैं। माजिद इरशाद जो कल तक जिले में उभरता हुआ फुटबॉल खिलाड़ी माना जाता था। जो समाज सेवा में सबसे आगे रहता था। माजिद अब अनंतनाग और साथ सटे इलाकों में लश्कर का स्थानीय पोस्टर ब्वाय बन चुका है। जब से वह आतंकी बना है, पूरे घर में मातम पसरा हुआ है। मां को दिलासा देने में उसकी दोनों बहनें उसके गायब होने के दिन से ही मायके में हैं। फूफी और मौसी भी रोती रहती हैं।
पिता इरशाद अहमद खान को जब पता चला कि बेटा आतंकी बन गया है, दिल का दौरा पड़ गया। बस मिलने वालों से कहते हैं कि क्या चाहिए, मैं वह सब दूंगा,बस माजिद को कहो घर लौट आओ। उसकी बड़ी बहन ने कहा कि मेरा भाई पढ़ाई में बड़ा जहीन था। वह पिछले वीरवार को शाम को जब घर नहीं आया था तो पापा ने फोन किया। उसका फोन स्विच ऑफ था। वह बहुत घबरा गए। कुछ ही देर में किसी ने बताया कि माजिद आतंकी बन गया है। उसकी बंदूक के साथ फोटो वाट्सएप पर आई है। पापा को उसी समय दिल का हल्का दौरा पड़ गया। आयशा ने कहा कि मैं उसे बाइक तेज चलाने से मना नहीं करूंगी। उसने तो हमें जीते जी मार दिया। उसे बताओ उसका पापा बीमार है। माजिद के घर में मौजूद उसके रिश्तेदार जिसने अपना नाम गौहर बताया है , ने कहा कि माजिद वीरवार सुबह घर से निकला था।
फेसबुक पर भी हो रही अपील
उसके एक दोस्त ने उसे वापस लौटने को कहते हुए फेसबुक पर लिखा- आज मैंने तुम्हारी मां और अब्बू को देखा। वो पूरी तरह से टूट चुके हैं. प्लीज लौट आओ. इस तरह अपने मां-बाप को मत छोड़ो। प्लीज वापस आ जाओ। तुम अपने मां-बाप की इकलौती उम्मीद हो. वो तुमसे बिछड़ना नहीं सह पाएंगे। जब मैंने उन्हें देखा तब वो रो रहे थे।
मां रो रही थी,वह गोली चला रहा था पुलिस के कुछ अधिकारी परिजनों से उसकी वापसी के संदर्भ में बातचीत कर रहे थे, अचानक वहां मौजूद एक पुलिस अधिकारी का फोन बजा। उसने जब फोन पर बात की तो शुरू में चेहरा खिल उठा लेकिन कुछ ही देर में उसके चेहरे के भाव बदल गए। खबर थी माजिद का पता चल गया है। वह कुलगाम के बदरु में देखा गया है। यह खबर सभी के दिल को तसल्ली दी। अगली खबर से सबके दिल बैठ गए। बदरु में माजिद आया था, लेकिन लश्कर आतंकी अयान के साथ। उसने मुजम्मिल नामक आतंकी को उसकी मौत पर अपनी राइफल से गोलियां दाग सलामी दी। जिहादी नारे लगाता हुआ गायब हो गया था।
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