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जुमे की नमाज़ के बाद कई जगह प्रदर्शन, श्रीनगर में फिर से पाबंदियां लगाई गईं

आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद से जारी पाबंदियां कश्मीर (Kashmir) के कुछ इलाकों में अभी भी जारी हैं. शुक्रवार के दिन जुमे की नमाज़ (Friday Prayer) के मद्देनज़र ज्यादातर इलाकों में इन पाबंदियों में ढील दी गई थी. जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) प्रशासन के मुताबिक जुमे की नमाज़ के बाद कश्मीर के कुछ इलाकों में प्रदर्शन हुए लेकिन घाटी के अधिकतर हिस्सों में शांति बनी रही. इन प्रदर्शनों के मद्देनज़र प्रशासन ने फिर से पाबदियां लगा दी हैं.
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के बाहरी हिस्से में स्थित सौरा इलाके में जुमे (शुक्रवार को दोपहर) की नमाज़ के बाद करीब 300 लोगों ने प्रदर्शन किया. उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने बार-बार उद्घोषणा करके और 'हल्के लाठी चार्ज' से भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि अलगाववादियों की ओर से पोस्टर जारी किए गए थे जिनमें लोगों से संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) के स्थानीय कार्यालय तक मार्च की अपील की गई थी. इसके बाद श्रीनगर के कई इलाकों और घाटी के अन्य हिस्सों में फिर से पाबंदियां लगा दी गई हैं.
आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद से जारी पाबंदियां कश्मीर (Kashmir) के कुछ इलाकों में अभी भी जारी हैं. शुक्रवार के दिन जुमे की नमाज़ (Friday Prayer) के मद्देनज़र ज्यादातर इलाकों में इन पाबंदियों में ढील दी गई थी. जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) प्रशासन के मुताबिक जुमे की नमाज़ के बाद कश्मीर के कुछ इलाकों में प्रदर्शन हुए लेकिन घाटी के अधिकतर हिस्सों में शांति बनी रही. इन प्रदर्शनों के मद्देनज़र प्रशासन ने फिर से पाबदियां लगा दी हैं.
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के बाहरी हिस्से में स्थित सौरा इलाके में जुमे (शुक्रवार को दोपहर) की नमाज़ के बाद करीब 300 लोगों ने प्रदर्शन किया. उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने बार-बार उद्घोषणा करके और 'हल्के लाठी चार्ज' से भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि अलगाववादियों की ओर से पोस्टर जारी किए गए थे जिनमें लोगों से संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) के स्थानीय कार्यालय तक मार्च की अपील की गई थी. इसके बाद श्रीनगर के कई इलाकों और घाटी के अन्य हिस्सों में फिर से पाबंदियां लगा दी गई हैं.
आर्टिकल 370 हटाने के बाद से लगी हैं पाबंदियां
केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को रद्द कर दिया था और राज्य को जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था. इसके बाद से ही घाटी में बाज़ार और मोबाइल तथा इंटरनेट सेवा बंद है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं को तभी से एहतियाती हिरासत में रखा गया है.




