रांची

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद अजय का 'लेटर बम'

Special Coverage News
10 Aug 2019 5:16 AM GMT
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद अजय का लेटर बम
x
यह लेटर बम उससे पहले आया है जब आज कांग्रेस अध्यक्ष का चयन होना है.

पटना से शिवानंद गिरि की रिपोर्ट

झारखंड कोंग्रेस का अंतर्कलह अब खुलकर सामने आ गया है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने राहुल गांधी के नाम तीन पन्नों का एक इस्तीफा पत्र भेजा है जिसमें कई नेताओं के क्रियाकलापों को खोलकर रख दिया है। अपने पत्र में डॉक्टर अजय ने सुबोधकांत सहाय, रामेश्वर उरांव, फुरकान अंसारी, ददई दूबे, प्रदीप बलमुचू समेत अन्य कई वरिष्ठ नेताओं पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि ये लोग केवल राजनीतिक पदों को हथियाने में लगे हैं तथा क्षुद्र और व्यक्तिगत लाभ के लिए पार्टी हित को ताक पर रखने का हर संभव प्रयास कर रहेहैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अपने कामकाज और पद छोड़ने के कारणों की विस्चार से चर्चा की है. गौरतलब है कि इससे पहले भी झारखंड कांग्रेस प्रभारी को डॉ अजय ने इस्तीफा भेजा था. लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया था.




पूर्व मंत्री सुबोधकांत पर भी किन्नरों को भेज कार्यालय में उत्पात का आरोप

डॉ अजय कुमार ने पत्र में लिखा है, ''चूंकि मुझे लक्ष्य से डिगाना आसान नहीं है, इसलिए मैंने अब तक उन सभी अपमानों और बाधाओं को नजरअंदाज किया है. पर मेरे धैर्य की कठिन परीक्षा का पल तब आया, जब पार्टी के सदस्यों ने पार्टी कार्यालय में हमला करने के लिए गुंडों को रखा. अलबत्ता सुबोधकांत सहाय जैसे तथाकथित कद्दावर नेता ने किन्नरों को भेजकर पार्टी कार्यालय में उत्पात मचवाया. पिछले कुछ महीनों में मुझे कई मोर्चे पर हस्तक्षेप का सामना करना पड़ा है. इसी में शामिल था बेईमान लोगों को पदों पर रखने का दबाव''.

डॉ अजय ने लिखा है, ''मैं जो भी प्रयास करता प्रयास करता रहा, वह इन भद्दे और शरारती तत्वों द्वारा दुष्प्रभावी करा दिया जाता है. राज्य के चंद नेता पैसे की ताकत पर लोगों को दिल्ली ले जाते हैं और राज्य में पार्टी के बारे में झूठी कहानी गढ़ने के लिए उन्हें होटलों में ठहराते हैं. वही तथाकथित वरिष्ठ नेता पार्टी के नाम पर पांच हजार रुपए खर्च करने के लिए तैयार नहीं हैं''.




बेटा-बेटी और खुद के लिए टिकट

डॉ अजय ने बताया है कि उन्होंने कभी व्यक्तिगत लाभ को प्राथमिकता नहीं दी. लोकसभा चुनाव में पार्टी और गठबंधन हित को देखते हुए जमशेदपुर की सीट छोड़ दी. लेकिन पार्टी में झारखंड के सभी वरिष्ठ नेता केवल अपने और अपने परिवार के लिए लड़ते हैं. एक नेता अपने लिए बोकारो से टिकट चाहता है, तो बेटे के लिए पलामू से. एक नेता हटिया से अपने भाई के लिए सीट चाहता है. दूसरा नेता घाटशिला से अपनी बेटी और खुद के लिए खूंटी से टिकट चाहता है. एक अन्य नेता जामताड़ा से अपने बेटे, मधुपुर से बेटी और महगामा से खुद के लिए टिकट की दावेदारी कर रहा है. अलबत्ता एक नेता अब तक लड़े तमाम चुनाव हारने के बाद भी गुमला से एक सीट चाहता है.

क्षुद्र राजनीतिक हित ही सर्वोपरि

डॉ अजय ने पत्र के जरिए यह भी कहा है, लोकसभा चुनाव में पार्टी छह सीटों पर चुनाव जीतने की ओर थी. लेकिन प्रदेश के बड़े नेता निजी हितों और स्वार्थ से परे नहीं हो सके. खूंटी और लोहरदगा में कांग्रेस के उम्मीदवार बहुत मामूली वोटों के अंतर से चुनाव हारे. इन दोनों सीटों पर हार मेरे लिए हृदयविदारक रहा. मैं अब बहुत स्पष्ट तौर पर देख रहा हूं कि सुबोधकांत सहाय, रामेश्वर उरांव, फुरकान अंसारी, ददई दूबे, प्रदीप बलमचू समेत अन्य कई वरिष्ठ नेता केवल राजनीतिक पदों को हथियाने में लगे हैं तथा क्षुद्र और व्यक्तिगत लाभ के लिए पार्टी हित को ताक पर रखने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं.




कामकाज की चर्चा

इसके साथ ही डॉ अजय ने यह बताने की कोशिश है कि डेढ़ सालों में झारखंड कांग्रेस को अपने पैरों पर खड़े करने की उन्होंने भरसक, ईमानदार और सर्वोत्तम कोशिशें की. अपना दिल और आत्मा पार्टी में लगाने की भी कोशिशें जारी रखी. उन्होंने कहा कि पार्टी को एकीकृत और जिम्मेदार संगठन की तरफ वे ले जाना चाहते थे. और इस काम में सफल भी रहे. पूरे राज्य के प्रखंड का दौरा किया. पंचायत और ब्लॉक स्तर पर पार्टी को मजबूत किया. लेकिन इस बीच ओछे स्वार्थ वालों की भी एक लंबी सूची है. उनका एक मात्र मकसद सत्ता हथिायाना, टिकट बेचना और चुनाव के नाम धन इकट्ठा करना है.

हालांकि डॉ अजय कुमार ने कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम की तारीफ करते हुए कहा है कि उनका हमें बहुत साथ मिला. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के कई नेता जिलों में भी पार्टी के लिए कुछ करना चाहते हैं. कांग्रेस की पैठ बढ़ाना चाहते हैं.

कुख्यात अपराधी भी इन नेताओं से बेहतर

डॉ अजय ने कहा है, ''एक गर्वित भारतीय और पुलिस वीरता पुरस्कार के सबसे कम उम्र के विजेताओं में से एक और जमशेदपुर से माफिया का सफाया करने के रूप में मैं आत्ममविश्वास के साथ कह सकता हूं सबसे खराब अपराधी भी मेरे इन सहयोगियों से बेहतर दिखते हैं''।

Tags
Special Coverage News

Special Coverage News

    Next Story