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Ias Pooja Singhal: 21 साल की उम्र में आईएएस बनने वाली पूजा सिंघल को जैसे ही होटवार जेल के मुख्य गेट के अंदर ले जाया गया तो हुआ ये हाल
Ias Pooja Singhal:महज 21 साल से कुछ अधिक उम्र में आईएएस बनने वाली पूजा सिंघल को जैसे ही रात के दस बजे होटवार जेल के मुख्य गेट के अंदर ले जाया गया, उनका ब्लड प्रेशर हाई हो गया और वह बेहोश हो गयीं। आननफानन में ब्लड प्रेशर की गोलियाँ लाकर उनको खिलाया गया, तब उन्हें होश आया!
आईएएस मैडम को दस इंच ऊंचाई वाले बने प्लेटफॉर्म की जमीन पर ही रात भर एक चादर के सहारे सोना पड़ा, तो जाहिर है नींद कैसे आती। रात भर करवटें बदलती रहीं, कभी इस करवट तो कभी उस करवट। अब ससुरे मच्छर भी तो बहुते तंग करते हैं न। यहाँ यह सनद रहे कि नर मच्छर बेचारे नहीं काटते। खून मादा ही मच्छर चूसती है!😜
तो आईएएस मैडम को दो ऑप्शन दिए गये। मच्छरदानी या कि ऑल आउट!
तो मैडम ने ऑल आउट को चुना!
आईएएस मैडम के साथ चार और महिला कैदी थीं जेल के उस वार्ड में। मौका व दस्तूर देख उन चारों ने मैडम से दोस्ती की कोशिश की, पर मैडम अपना सा मुंह लिये बैठी रहीं। किसी से बात न की। अब भला इन गंवारू महिला कैदियों के मुंह यह क्या लगती इत्ती हाई फाई पढ़ी-लिखी उच्च पदस्थ महिला!
जैसे-तैसे रात बीत ही गयी। सुबह मैडम ने न मुंह धोया और न ही दैनिक क्रिया से निवृत हुईं। नहाना तो दूर की बात थी। तब तक जेल के जमादार बाबू चूड़ा-मुरही और गुड़ का एकदम शुद्ध-सात्विक नाश्ता लेकर पहुँच गये मैडम के पास!
यह देख मैडम का ब्लड प्रेशर ससुरा फिर हाई हो गया। आईएएस वाला भौकाल फिर से जाग गया। का बूझ लिया है बे! अब हम इहे सब खाएंगे! भागो, हमको ईडी वाला ही नाश्ता कराएगा। इसके साथ मैडम जेल वार्ड के भीतर गंदगी देख कर भी नाराज हो गयीं। समझ नहीं आता कि जेल को कैसे साफ रखते हैं। धमका दी जेलकर्मियों को कि सब साफ नहीं हुआ तो ठीक न होगा!
तब तक सुबह दस- सवा दस बजे तक ईडी वाले भी होटवार जेल पहुँच ही गये। मैडम को तुरन्त लेकर निकल गये। फ्रेश होने का मौका भी न दिए। जैसे लाये थे रात में, वैसे ही लेकर चल दिये! क्या से क्या हो गये, देखते-देखते! बनता था कैबिनेट सेक्रेटरी, बन गये लाल कोठी की एक्सपायर्ड बैटरी!
बस अब केंद्र सरकार भाजपा शासित राज्यों में भी जो इस तरह के भ्रष्ट नौकरशाह हैं, उन पर विशेष ध्यान दे। साथ ही उन भ्रष्ट राजनेताओं पर भी जो इन भ्रष्ट नौकरशाहों के साथ नेक्सस बना कर दलाली खाते हैं।
वैसे यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह खुलेआम आरोपित कर अपने डीजीपी को हटाया है और अपने राजनीतिक कार्यकर्ताओं को सेटिंग-गेटिंग से दूर रहने को कहा है, उस हिसाब से तमाम नेताओं व नौकरशाहों को संदेश तो मिल ही गया होगा।
किंतु जिस तरह यूपी के डीजीपी को हटाया गया स्पष्ट आरोपों के साथ और भेज दिया गया 'डीजीपी नागरिक सुरक्षा' के पद पर, इससे संदेश तो यही जाता है कि उस पद पर इस तरह के आरोप लगने के बाद आप नियुक्त कर रहे, मतलब 'नागरिक सुरक्षा विभाग' का कोई मोल नहीं है क्या! जब इस तरह आरोप लगाकर हटाया तो सस्पेंड कीजिये न, ट्रांसफर क्यों! किसी भी पद की गरिमा होती है। हर पद पर जिम्मेदार व्यक्ति होना चाहिए। पर यहाँ तो शंट पोस्टिंग भी होती है!