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बिहार में जल्द बंपर बहाली होने वाली है। लगभग 10 हजार विभिन्न पदों पर बहाली होगी। पंचायती राज विभाग में 8386 कार्यपालक सहायक संविदा पर रखे जाएंगे। इसका प्रस्ताव तैयार हो चुका है। इस पर कैबिनेट की मुहर जल्द लग सकती है। वहीं इसी विभाग में करीब 1000 तकनीकी सहायक बहाल होंगे। वहीं, बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) नगर विकास एवं आवास विभाग में 256 पदों पर बहाली करने जा रहा है। दूसरी ओर शराबबंदी कानून के तहत लंबित मामलों के तेजी से निपटारे के लिए 74 अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद सृजित किए गए हैं।
8386 कार्यपालक सहायक संविदा पर रखे जाएंगे
राज्य की हर ग्राम पंचायत में एक और कार्यपालक सहायक संविदा पर नियुक्त करने का प्रस्ताव है। पंचायती राज विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। विभाग मंजूरी के लिए शीघ्र ही कैबिनेट में प्रस्ताव भेजेगा। मंजूरी मिलते ही नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। राज्य में 8386 ग्राम पंचायतें हैं। इस तरह इतने ही पदों पर कार्यपालक सहायकों की नियुक्ति फिर हो सकेगी।
विभाग विभाग ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि कार्य की अधिकता को देखते हुए यह जरूरी है कार्यपालक सहायकों की संख्या हर पंचायत में दो-दो हो। एक-एक पद पर नियुक्ति होने के बाद पंचायत कार्यालयों की क्षमता बढ़ी है। गौरतलब हो कि कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के बाद जुलाई, 2018 में हर पंचायत में एक-एक कार्यपालक सहायक की नियुक्ति का आदेश जारी हुआ था। तब विभाग ने अपने आदेश में कहा था कि त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को अपने दायित्वों को प्रभावी तरीके से पूरा करने के लिए आवश्यक है कि पंचायत के कार्यालय अन्य सरकारी कार्यालयों की भांति नियमित रूप से कार्य करे। पंचायतों में केंद्र प्रायोजित व राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं चल रही हैं। इसके लिए कर्मी की जरूरत है।
अभी 6090 पंचायतों में हैं कार्यरत
वर्तमान में 6090 ग्राम पंचायतों में कार्यपालक सहायक कार्यरत हैं। शेष पंचायतों में पद रिक्त हैं, जिन्हें भरने की कवायद चल रही है। वहीं, पंचायतों में कार्यरत कार्यपालक सहायकों को 17 हजार मानदेय मिलता है। विभाग ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि सभी पंचायतों में एक-एक और कार्यपालक सहायक की नियुक्ति होने पर सालाना 170 करोड़ अतिरिक्त खर्च होंगे।