कर्नाटक

कॉन्ट्रैक्टर खुदकुशी मामले में कर्नाटक के मंत्री पर FIR, ठेकों में 40% कमीशन का लगाया था आरोप

Arun Mishra
13 April 2022 4:29 AM GMT
कॉन्ट्रैक्टर खुदकुशी मामले में कर्नाटक के मंत्री पर FIR, ठेकों में 40% कमीशन का लगाया था आरोप
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आरोप में जिक्र है कि ठेकेदार से 40 फीसद कमीशन की मांग की जा रही थी।

कर्नाटक नें सियासत गरमाई हुई है। मामला एक ठेकेदार की खुदकुशी का है। आरोप बोम्मई सरकार के मंत्री ईश्वरप्पा पर है। अब इस मामले में ईश्वरप्पा समेत तीन लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया है। आरोप में जिक्र है कि ठेकेदार से 40 फीसद कमीशन की मांग की जा रही थी। जब उसने कमीशन देने से मना किया तो उसे तरह तरह से परेशान किया जाने लगा और तंग आकर ठेकेदार ने अपनी जिंदगी खत्म कर ली।

कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा था

कर्नाटक कांग्रेस ने मंगलवार को कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद कथित तौर पर आत्महत्या करने वाले ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला किया। कर्नाटक कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ईश्वरप्पा के इस्तीफे की मांग की और आरोप लगाया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई अपने कैबिनेट सहयोगी के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहे।

11 अप्रैल से लापता थे ठेकेदार संतोष पाटिल

कर्नाटक के उडुपी में आज सुबह एक बीजेपी सदस्य और एक ठेकेदार संतोष पाटिल मृत पाए गए। वह 11 अप्रैल से लापता था। उन्होंने आरोप लगाया था कि कर्नाटक के मंत्री ईश्वरप्पा ने एक परियोजना की लागत का 40 प्रतिशत रिश्वत की मांग की थी।कांग्रेस के कड़े विरोध के बाद बोम्मई ने वादा किया था कि घटना की प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।बोम्मई ने कहा, "सच निश्चित रूप से सामने आएगा। पुलिस बिना किसी हस्तक्षेप के स्वतंत्र रूप से मामले की जांच करेगी।

सिद्धारमैया ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में बोम्मई अपने मंत्री केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ कोई कार्रवाई करने में विफल रहे हैं जिन्हें कैबिनेट से बर्खास्त किया जाना चाहिए। पाटिल की मौत (कथित आत्महत्या) के लिए ईश्वरप्पा जिम्मेदार हैं।उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। ईश्वरप्पा को पूरा राज्य जानता है एक भ्रष्ट आदमी है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि सीएम इस पर तुरंत कार्रवाई करें। ठेकेदार अपनी स्थिति के बारे में बात करते रहते हैं, वे अपना काम पूरा करने के लिए कर्ज लेते हैं, अगर मंत्री उन्हें परेशान करते रहे तो वे यहां काम नहीं कर पाएंगे।

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