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जय किशोर प्रधान ने 64 वर्ष की उम्र में पास की नीट की परीक्षा, सरकार को बदलनी पड़ी डॉ बनने की उम्र सीमा

जय किशोर प्रधान ने 64 वर्ष की उम्र में पास की नीट की परीक्षा, सरकार को बदलनी पड़ी डॉ बनने की उम्र सीमा
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जय किशोर प्रधान जी एमबीबीएस करते-करते 70 के हो जाएंगे, फिर भी हौसला देखिए कि वह कहते हैं कि इसे पास भी करेंगे तथा जब तक जियेंगे लोगों को मुफ्त में चिकित्सीय परामर्श भी देंगे!

स्वस्थ रहने के लिए सुबह उठना, एक्सरसाइज/योग करना, भारी व पौष्टिक नाश्ता करना और चिंता को दूर रखना बेहद जरूरी है। और जो आपको टेंशन देने की कोशिश करें, उनको उसका डबल टेंशन देने का! कुकुर पालने का, टेंशन नहीं पालने का।

सकारात्मक व बौद्धिक लोगों के मध्य रहने का। हठी एवं अपनी ही मनमर्जी चलाने वालों से कोसों दूर रहने का।

निडर रहने का, आत्मविश्वास से भरपूर होने का। कैसा भी समय हो, पलटेगा जरूर, इस आशा के साथ हर पल जीने का!

पर उसके लिए हमेशा कुछ न कुछ काम करने का। खुद को रोज बेहतर बनाने का, यही ज़िन्दगी का मूलमंत्र है। तभी इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में टिकने का माद्दा पैदा होगा।

और अवसाद में तो बिल्कुल नहीं जाने का। याद रखने का, आज से 40-50 साल बाद तुमको यहाँ कुकुर भी पूछने का नहीं, फिर काहे का टेंशन। और जिस दिन मौत आनी होगी, कौन रोक लेगा! पर तब तक जीने का मस्त होकर!❤️

ओडिशा के रिटायर्ड बैंकर श्री जय किशोर प्रधान का बचपन से सपना था डॉक्टर बनने का, पर पारिवारिक जिम्मेदारियों ने आननफानन में बैंक की नौकरी थमा दी। फिर जो उसमें लगे तो डॉक्टर बनने का सपना अधूरा रह गया।

पर दिल में कहीं न कहीं एक कसक बाकी थी। सो अपनी जुड़वाँ बेटियों में से एक को मेडिकल की तैयारी कराते समय खुद भी पढ़ने लगे। सम्भवतः पिता व एक बेटी की मौत ने उन्हें और झकझोरा। ऊपर से वह दिव्यांग भी थे। यानी उनके पास अवसाद में जाने का हर वाज़िब कारण था।

पर जय किशोर प्रधान जी ने किया क्या?

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से डिप्टी मैनेजर पद से रिटायर होने के बाद प्रधान साहेब ने दिन-रात हाड़तोड़ मेहनत करके मेडिकल एंट्रेंस वाली राष्ट्रीय स्तर की नीट की परीक्षा पास कर ली दिव्यांग श्रेणी में और वह भी 64 वर्ष की अवस्था में! यानी डोनेशन देकर जुगाड़ वाले डॉक्टर नहीं बनेंगे वह।

माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी जय किशोर प्रधान जी के जज्बे व हौसले को देखते हुए फिलहाल नीट से उच्चतम आयु सीमा पर लगी रोक हटा दी है।

जय किशोर प्रधान जी एमबीबीएस करते-करते 70 के हो जाएंगे, फिर भी हौसला देखिए कि वह कहते हैं कि इसे पास भी करेंगे तथा जब तक जियेंगे लोगों को मुफ्त में चिकित्सीय परामर्श भी देंगे!

जय किशोर प्रधान जी के लिए बढ़ती उम्र केवल एक नम्बर है और कुछ नहीं। यहाँ कई लोग कम उम्र में ही इतने बेचैन हो उठते हैं कि आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठा लेते हैं। जीवन को सकारात्मक होकर जिएं। किंतु नकारात्मक लोगों से खुद को दूर रख कर।

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