भोपाल

2017 में 'नर्मदा संवाद यात्रा' के दौरान दर्ज किया गया था फर्जी मुकदमा, अदालत ने मेधा पाटकर, डॉ सुनीलम समेत छह आंदोलनकारियों को किया बरी

Shiv Kumar Mishra
28 Dec 2023 2:07 PM GMT
2017 में नर्मदा संवाद यात्रा के दौरान दर्ज किया गया था फर्जी मुकदमा, अदालत ने मेधा पाटकर, डॉ सुनीलम समेत छह आंदोलनकारियों को किया बरी
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डॉ सुनीलम

मध्यप्रदेश के अलीराजपुर की जेएमएफसी, रूपेश कुमार साहू की अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम सहित 6 आंदोलनकारियों को बरी किया है।

ज्ञात रहे कि मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा 3 जुलाई 2017 को नर्मदा संवाद यात्रा के दौरान 150 से 200 आंदोलनकारियों के खिलाफ फर्जी एफ आई दर्ज की गई थी। आई पी सी की धारा 147, 341 के तहत 27 फरवरी 2021 को मेधा पाटकर, डॉ सुनीलम, कमला यादव, सनोबर बी, देवराम एवं अन्य के खिलाफ चालान पेश किया गया था। जिस पर आज 28 दिसंबर 23 को अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया ।

उक्त प्रकरण में अधिवक्ता अनवर जावेद खान ने सभी आंदोलनकारियों की नि:शुल्क पैरवी की।

उल्लेखनीय है कि नर्मदा घाटी के विस्थापितों के सम्पूर्ण पुनर्वास की मांग को लेकर नर्मदा संवाद यात्रा महाराष्ट्र जा रही थी, तभी गुजरात पुलिस ने यात्रा को सीमा पर ही रोक दिया था। कई घंटे के सत्याग्रह के बाद गुजरात पुलिस ने सभी आंदोलनकारियों को मध्य प्रदेश के नानपुर थाने गाड़ियों से पहुंचाया था। यात्रा में कई राज्यों के आंदोलनकारी शामिल थे। यात्रा के नेतृत्वकर्ता जब अधिकारियों से बातचीत कर रहे थे, तभी उक्त फर्जी मुकदमें दर्ज किए गए थे।


ज्ञात रहे कि अब तक डॉ सुनीलम पर मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा 141 फर्जी मुकदमें दर्ज किए गए, जिनमें 137 मुकदमों में उन्हें बरी किया गया है।

फैसले के बाद सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि आंदोलनकारियों को फर्जी प्रकरणों से डरना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नही।

डॉ सुनीलम ने कहा कि गत 40 वर्षों के सार्वजनिक जीवन में यह देखने में आया है कि सरकारें आंदोलनकारियों से बातचीत करने की बजाय फर्जी मुकदमें लगाकर, भयभीत कर आंदोलन को कुचलने की कोशिश करती है। इसके बावजूद भी आंदोलनकारियों का संघर्ष जारी है और जारी रहेगा।

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