भोपाल

मध्यप्रदेश में भाजपा विधायक शरद कोल का इस्तीफा

Shiv Kumar Mishra
20 March 2020 12:09 PM IST
मध्यप्रदेश में भाजपा विधायक शरद कोल का इस्तीफा
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भोपाल. मध्य प्रदेश में 17 दिन से जारी सियासी घमासान का शुक्रवार निर्णायक दिन है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज कमलनाथ सरकार का विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा। कांग्रेस और भाजपा ने अपने-अपने सदन में मौजूद रहने के लिए विधायकों को व्हिप जारी किया है। कमलनाथ ने सीएम हाउस पर 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बुलाई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कमलनाथ फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं। फ्लोर टेस्ट से पहले भाजपा विधायक शरद कोल ने भी इस्तीफा दे दिया है।

वहीं, गुरुवार देर रात स्पीकर ने 16 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए। इन इस्तीफों के स्वीकार होने के बाद कांग्रेस के विधायकों की संख्या घटकर 92 हो गई है। इधर, दिग्विजय सिंह ने भी अब स्वीकार कर लिया है कि उनकी सरकार सुरक्षित नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का बचना मुश्किल है।

फ्लोर टेस्ट में भाजपा का पलड़ा भारी

कांग्रेस के सभी 22 बागियों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद संख्या बल में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। उसके 107 विधायक हैं। वहीं, कांग्रेस के पास स्पीकर समेत सिर्फ 92 विधायक रह गए हैं। कांग्रेस के पास निर्दलीय और बसपा-सपा के 7 विधायकों का भी समर्थन है। ऐसे में अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो कमलनाथ के लिए सरकार बचाना मुश्किल होगा।

सरकार गिरी तो राज्यपाल दे सकते हैं भाजपा को मौका

अगर कमलनाथ फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे देते हैं तो भाजपा राज्यपाल के सामने सरकार बनाने दावा पेश करेगी। मौजूदा सदस्य संख्या के मुताबिक, भाजपा के पास बहुमत होगा। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बन सकते हैं। ऐसा होता है तो शिवराज रिकॉर्ड चौथी पर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शिवराज के अलावा अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

भाजपा को उपचुनाव में जीतनी होंगी कम से कम 9 सीटें

मध्य प्रदेश में फिलहाल कुल 24 सीटें खाली हैं। इन सभी सीटों पर 6 महीने के भीतर उपचुनाव होंगे। अगर भाजपा की सरकार बनती है तो उसे सरकार बचाए रखने के लिए उप-चुनाव में कम से कम 9 सीटें जीतनी होंगी। अगर कांग्रेस के सात सहयोगी उसके साथ बने रहते हैं तो उप-चुनाव में 17 सीटें जीतकर वह सत्ता में वापसी कर सकती है।

22 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद विधानसभा की स्थिति

मध्यप्रदेश के 2 विधायकों के निधन के बाद कुल सीटें = 228

इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के विधायक = 22

22 विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद सदन में सीटें (228-22) = 206

इस स्थिति में बहुमत के लिए जरूरी = 104

भाजपा = 107 (बहुमत से 3 ज्यादा)

*कांग्रेस+ = 99 (बहुमत से 5 कम)

*कांग्रेस के 92 विधायक रह गए हैं।

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