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MP गजब है? पुलिस कांस्टेबल उम्मीदवार का जेल में पुरुषों के सामने कराया प्रेग्नेंसी टेस्ट, मचा बवाल
Arun Mishra
15 Jun 2018 3:36 PM IST

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गिरफ्तार की गई नौ महिलाओं ने यह आरोप लगाया है कि उन्हें हिरासत में लेने के बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया गया।
भोपाल : महिला पुलिस कांस्टेबल की भर्ती में योग्यता के खिलाफ प्रदर्शन के चलते गिरफ्तार की गई नौ महिलाओं ने यह आरोप लगाया है कि उन्हें हिरासत में लेने के बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया गया। हालांकि, पुलिस और जेल अधिकारियों ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि नियमों का पालन किया गया है।
पुलिस ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भोपाल में बुधवार को लाल परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम के दौरान आईपीसी की धारा 151 (अलग रहने के लिए कहने के बावजूद इकट्ठा होना) के तहत नौ महिलाओं को गिरफ्तार किया था।
They (police) took our pregnancy test, male constables even peeped inside changing rooms. We were made to sit with prisoners arrested for murder. CM himself had promised relaxation in height criteria (currently 158 cm), what's our crime?: Girls who accused police of misbehaving pic.twitter.com/Q3rYTV5pzP
— ANI (@ANI) June 14, 2018
गिरफ्तार महिलाएं पुलिस कांस्टेबल भर्ती की योग्यता में लंबाई में छूट देने की मांग कर रही थी। पिछले साल मुख्यमंत्री ने राज्य में हुए 14 हजार पुलिस कांस्टेबल की भर्तियों के दौरान छूट देने की घोषणा की थी।
हालांकि, चौहान ने इसको लेकर किसी तरह का कदम नहीं उठाया, जो महिलाएं 19 से 21 वर्ष की है, उन्होंने यह दवा किया कि उन्हें यह भरोसा दिया गया था कि लंबाई में तीन सेंटीमीटर की छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उन्हें इसलिए रिजेक्ट कर दिया गया क्योंकि उनकी लंबाई 158 सेंटीमीटर से कम थी। लेकिन, तीन सेंटीमीटर की छूट दी जाती तो वह उसके योग्य हो जाती।
गुरुवार को जेल से रिहाई के बाद सभी महिलाओं ने कांग्रेस नेता दीप्ति सिंह और उसके बाद राज्य कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात की। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि जेलकर्मियों और पुलिस की तरफ से परेशान किया गया। जेल में बिना सहमति के ही उनका प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया गया।
एक उम्मीदवार अंजू भदौरिया ने कहा- "हमारे साथ अपराधी की तरह व्यवहार किया गया। सबसे पहले हमें पुलिस वैन में तीन घंटे तक बैठाकर भोपाल में घुमाया गया। हमारे मोबाइल फोन ले लिए गए। हमें अपने पैरेन्ट्स से बात की इजाजत नहीं दी गई। रात में हमें जेल ले जाया गया जहां पर एक कमरे में ले जाकर हमारा यूरिन लिया गया। हम जानते थे कि हमारा प्रेग्नेंसी टेस्ट किया जा रहा है। लेकिन, सबसे हैरान उस वक्त हुई जब जेल का मेल स्टाफ अंदर झांक रहा था।"
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