भोपाल

मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराने को लेकर शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान

Special Coverage News
26 May 2019 12:22 PM IST
मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराने को लेकर शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान
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शिवराज ने एक बार फिर कांग्रेस में अंतर्कलह की ओर इशारा कर दिया।
भोपाल : मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के गिरने-गिराने की अटकलों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बड़ा बयान दिया है। शिवराज ने एक बार फिर कांग्रेस में अंतर्कलह की ओर इशारा कर दिया। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने विधायकों के बगावती तेवर की आशंका पर बड़ा कदम उठाने का फैसला लिया है। रविवार को कमलनाथ ने विधायकों की बैठक बुलाई है।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह ने शनिवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि भाजपा की संस्कृति खरीद-फरोख्त और जोड़-तोड़ की नहीं रही है और न ही इन तरीकों से सरकार गिराने में भाजपा विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए कांग्रेस सरकार चलाए, हमारी रुचि सरकार गिराने में नहीं है। कांग्रेस के अंतर्विरोध और उन्हें समर्थन करने वालों की वजह से सरकार गिर जाए तो अलग बात है और फिर इसमें भाजपा क्या कर सकती है। मालूम हो कि लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल आने के बाद से ही भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि कुछ कांग्रेसी विधायक उनके संपर्क में हैं।

शनिवार को 'प्रेस से मिलिए' कार्यक्रम के दौरान उन्होंने चुनाव के दौरान गुना में बसपा प्रत्याशी के कांग्रेस के पक्ष में बैठने का भी उदाहरण दिया। शिवराज ने कर्जमाफी के मुद्दे पर यह भी कहा कि किसान परेशान है। कर्जमाफी योजना लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को ले डूबी और आगे भी यही होगा। मध्यप्रदेश में 29 में से 28 लोकसभा सीटें जीतने और छिंदवाड़ा सीट पर करीबी हार को लेकर शिवराज ने कहा कि थोड़ी और मेहनत कर लेते तो कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाता। छिंदवाड़ा में उनकी जीत अब कोई मायने नहीं रखती। उत्तर प्रदेश को लेकर अमित शाह जब 61 से 67 सीट जीतने का दावा करते थे तो हमें लगता था कम से कम 50 सीट जीत पाएंगे, लेकिन शाह सही रहे। उनसे बहुत कुछ सीखना है।

कांग्रेस की करारी हार और मध्यप्रदेश में भाजपा नेताओं के सरकार गिराने के दावों के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। इस बारे में रविवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में निर्णय लिया जा सकता है। चर्चा है कि मंत्रिमंडल के गठन के बाद से ही सरकार में जगह न पाने वाले पार्टी के वरिष्ठ विधायक और बाहर से सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों की नाराजगी समय-समय पर सामने आती रही है।

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