भोपाल

तो क्या शिवराज कैबिनेट से इस्तीफे दे देंगे सभी सिंधिया समर्थक?

Shiv Kumar Mishra
14 Dec 2020 10:13 AM GMT
तो क्या शिवराज कैबिनेट से इस्तीफे दे देंगे सभी सिंधिया समर्थक?
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उपचुनाव को 1 महीने से ज्यादा का समय बीत गया है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Rajya Sabha MP Jyotiraditya Scindia) कि इस दौर में कई बैठकें भी हो चुकी हैं बावजूद इसके अब तक बहुप्रतीक्षित शिवराज मंत्रिमंडल (Shivraj cabinet)का बिस्तर नहीं हो पाया है यहां तक के अप चुनाव के पहले मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले तुलसी सिलावट (Tulsi Silavata)और गोविंद सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput)के शपथ ग्रहण लेने का मामला भी अभी अधर में लटका ही नजर आ रहा है जिसको लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस (Madhya Pradesh Congress) लगातार चुटकी लेती आ रही है.

दरअसल सियासी गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि अगर गोविंद सिंह राजपूत और तुलसीराम सिलावट को जल्द ही शिवराज मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया तो बाकी के साथ सिंधिया समर्थक भी अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं कहा तो यह भी जा रहा है कि शिवराज कैबिनेट में शामिल साथ सिंधिया समर्थकों के इस्तीफे को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी चर्चा कर सकते हैं इन्हीं अटकलों और कयासों को लेकर कांग्रेश ने सिंधिया और शिवराज की घेराबंदी करना शुरू कर दिया है एमपी कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा है की सिंधिया का शिवराज पर भी दबाव बनाने का काम शुरू हो गया है सिंधिया समर्थकों के इस्तीफे की अटकलें तेज हैं जनादेश भेजकर शिवराज के साथ जाने वाले सिंधिया ने अब शिवराज को अपना असली रंग दिखाना शुरू किया है मलाई बंटवारे में देरी बर्दाश्त करने को नहीं तैयार हैं शिवराज जी याद रखना इतिहास खुद को बार-बार दोहराता है एमपी कांग्रेस ने आगामी नगरी चुनाव में सिंधिया समर्थकों को टिकट मिलने को लेकर लिखा है कि श्री यंत्र नगरीय निकाय चुनाव में भी अपने लोगों को टिकट दिलाना चाहते हैं मकसद केवल एक ही है कि जब बीजेपी से अलग हो तो मलाई की कोई कमी न रहे जनसेवा का असली नाम मलाई मेवा है.

ट्विटर के माध्यम से सिंधिया शिवराज की घेराबंदी यह पहला मौका नहीं है पिछले कई दिनों से कांग्रेस मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर शिवराज और सिंधिया समर्थकों को लेकर हमलावर बनी हुई है हाल ही में कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा था कि प्रदेश महामारी से मर रहा है श्री यंत्र को मंत्री पद की भलाई चाहिए महामारी में विधायक बेचे महामारी में सरकार गिराई महामारी में मंत्रिमंडल नहीं बनने दिया महामारी में 70000 की भीड़ जुटाई महामारी में रेट चुनावी रैलियां की महामारी में उपचुनाव कराए सत्ता की इतनी हवस वही अगले ट्वीट में लिखा है कि सिंधिया समर्थकों की भागीदारी है पूरी मलाई दो नहीं तो सड़क पर उतरेंगे लोकतंत्र को मलाई का कटोरा समझने वाले सिंधिया और उनके समर्थकों की यह खबर लोकतंत्र को लज्जित करती है शिवराज जी याद रखना जो अपनी मातृ संस्था के नहीं हुए वह सऊदी वालों की कमी नहीं होंगे.

नए साल में हो सकता है विस्तार दरअसल एमपी उपचुनाव होने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार अधर में लटक गया है वर्तमान में शिवराज कैबिनेट में 28 मंत्री हैं संख्या के लिहाज से छह मंत्री और बनाए जा सकते हैं इसमें गोविंद सिंह राजपूत और तुलसीराम सिलावट को मंत्री पद मिलना तय है वहीं अन्य बीजेपी विधायकों को भी शामिल किया जा सकता है हालांकि अभी यह तय नहीं है कि कौन-कौन से विधायकों को जगह मिलेगी एक तरफ सिंधिया का कहना है कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है वही शिवराज का कहना है कि सही समय पर मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया जाएगा सूत्रों की मानें तो नए साल में मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है क्योंकि 28 दिसंबर से मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है ऐसे में शिवराज का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव पर बना हुआ है.

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