
- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- भोपाल
- /
- ओह!... तो यह था...
ओह!... तो यह था मध्यप्रदेश के हनी ट्रैप के पीछे का असली खेल!

आज पत्रिका ने इस खेल के पीछे की असलियत सामने ला दी है कि ब्लैकमेलिंग के पीछे की असली कहानी पैसा वसूली से कही आगे थी और उसका मकसद मध्यप्रदेश की कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को गिराना था.
एटीएस सूत्रों ने स्पष्ट कर दिया कि इंटेलीजेंस के पास सूचना थी की भाजपा से जुड़े एक पूर्व मंत्री के इशारे पर गिरोह का इस्तेमाल कांग्रेस के 7 विधायकों को हनी ट्रेप में फंसाने का है। इस ब्यूटी ब्लैकमेलरों ने दो मंत्रियों को फंसा भी लिया था लेकिन तीसरा टारगेट पूरा होने से पहले ही एटीएस ने कॉल डिटेल्स के जरिए इसका भंडाफोड़ कर दिया.
विधायकों को फंसाने के मामले में श्वेता विजय जैन की अहम भूमिका थी दरअसल, श्वेता जैन की भाजपा नेताओं से 2012 से ही नजदीकियां थीं। 2013 में विधानसभा का टिकट भी मांगा था लेकिन एक वीडियो आने के बाद दावेदारी खत्म हो गई थी। अब कहा थ जा रहा है कि श्वेता के भरोसेमंद तीन पूर्व मंत्रियों में एक सरकार गिराने का बार-बार बयान देकर सुर्खियों में रहे है.
इस हनी ट्रैप के टारगेट पर कुल 100 नेता, अफसर व कारोबारी थे। इनमें से 40 लोगों को हनी ट्रैप कर ब्लैकमेल किया जा चुका है। इसमें दो पूर्व सीएम, 2 मंत्री, 3 पूर्व मंत्री, 1 पूर्व सांसद, 15 आइएएस, 8 आइपीएस के साथ ही कुछ बड़े व्यापारी भी हैं एक दो नही पूरी 19 लड़कियों के सहारे यह अश्लील वीडियो बनाए गए थे.
सबसे कमाल की बात यह है कि इस गिरोह में शामिल महिलाओं के एनजीओ चलते थे जिन्हें बड़े बड़े सरकारी प्रोजेक्ट चलाने को दिये जाते थे और उसकी आड़ में यह महिलाएं हाई सोसायटी की मेम्बर बन ब्लैकमेलिंग का खेल खेला करती थी.
यही केस यदि दिल्ली या उत्तरप्रदेश में सामने आता तो राष्ट्रीय मीडिया पर अब तक जलजला आ गया होता लेकिन यह मामला मध्यप्रदेश का है इसलिए इस मामले पर मीडिया उतना ध्यान नही दे रहा है जितना देना चाहिए.