भोपाल

कौन है व्यापमं कांड-2 का असली गुनाहगार? क्‍या कमलनाथ व्‍यापमं कांड को 2023 में बनायेंगे चुनावी मुद्दा?

Shiv Kumar Mishra
2 April 2022 7:38 AM GMT
कौन है व्यापमं कांड-2 का असली गुनाहगार? क्‍या कमलनाथ व्‍यापमं कांड को 2023 में बनायेंगे चुनावी मुद्दा?
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बिना जांच के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैसे दे दी आरोपी मंत्री पुत्र को क्लीनचिट? क्‍या वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने बुना था व्यापमं कांड-1 का ताना-बाना?

विजया पाठक

मध्यप्रदेश, व्यापमं और भाजपा सरकार। ये वो तीन शब्द हैं, जिनका पिछले कुछ समय से चोली-दामन जैसा साथ रहा है। एक बार फिर मध्यप्रदेश में व्यापमं पार्ट-2 को लेकर सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं। व्यापमं कांड के पहले संस्करण से अभी तक प्रदेश भाजपा और सरकार का पीछा छूटा भी नहीं था कि अब उसकी जगह व्यापमं कांड-2 ने ली है। दरअसल पिछले दिनों हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा में हुई गड़बड़ियों को लेकर पूरी सरकार शक के घेरे में आ गई है। बताया यहां तक जा रहा है कि इस व्यापमं कांड के घेरे में प्रदेश के कई मंत्री और अफसर भी आ सकते हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि व्यापमं कांड-2 के सच्चाई की परतें किस तरह से खुलती हैं। मामला और भी संदिग्ध इसलिये दिख रहा है क्योंकि जिस कालेज से पेपर आउट हुया वो प्रदेश के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के पुत्र आदित्य राजपूत का है, और-तो-और सरकार के प्रवक्ता और प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले में बिना जांच के पहले दिन ही मंत्री पुत्र को क्लीनचिट दे दी। निश्चित तौर पर मैप आईटी जो इस मामले में जांच कर रही है वो व्यापमं पार्ट-1 की एसटीएफ और सीबीआई ही साबित होगी क्योंकि सरकार के हस्तक्षेप के कारण व्यापमं कांड मे सही न्याय किसी को नहीं मिल सकता है।

क्या है व्यापाम कांड- 2 का मामला?

मध्यप्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) और पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में शामिल हुए कुछ उम्मीदवारों ने दोनों परीक्षाओं में अनियमितताओं का आरोप लगाए हैं। विवाद के चलते बोर्ड को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई हैं। सोशल मीडिया पर अनियमितताओं का खुला आरोप लगाने वाले कांग्रेस नेता के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखकर दूसरा व्यापमं कांड रोकने का आग्रह किया है। छात्रों का आरोप है कि टीईटी परीक्षा के दिन ही सोशल मीडिया पर इसके प्रश्‍न और आंसरशीट का स्क्रीन शॉट वायरल हो रहा था।

क्‍या फिर शुरू हो सकता है मौतों को सिलसिला?

प्रदेश का हर एक जागरुक नागरिक इस बात को बहुत अच्छी तरह से समझता है कि पिछली बार प्रदेश में व्यापमं कांड सामने आया था। धीरे-धीरे उससे पूरे कांड से जुड़े व्यक्तियों की मौतें होने से प्रदेश में एक अजीब सी हलचल पैदा हो गई थी। पिछले व्यापमं कांड में ऐसे कई प्रभावी लोगों के शामिल होने की संभावना थी जो आज भी बड़े पदों पर विराजमान हैं। उनमें से कुछ की तो आकस्मिक मृत्यु भी हो गई है। पूर्व मंत्री लक्ष्‍मीकांत शर्मा की मौत भी अभी तक संदेहास्‍पद है क्‍योंकि वो व्‍यापमं कांड के आखरी गवाह थे। ऐसे में व्यापमं कांड- 2 का मामला दोबारा सामने आने के बाद इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि कहीं प्रदेश में फिर से मौतों का सिलसिला न शुरू हो जाए।

2011 में सामने आया था व्यापमं कांड-1

मध्यप्रदेश में अब तक हुए भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों के मामले में वर्ष 2011 में सामने आया व्यापमं घोटाला-1 सुर्खियों में अभी भी है। दरअसल व्यापम पार्ट-1 घोटाले को बहुत ही चालाकी से सिर्फ पीएमटी और मेडिकल एंट्रेंस परीक्षाओं पर मोड़कर रख दिया गया। इसमें एक घोटाला था जिसे लगभग दबा दिया गया। हालांकि वर्ष 2015 में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप होने के बाद इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई। लेकिन अब तक इस पूरे मामले के मास्टर माइंड का पर्दाफाश नहीं हो सका है। ऐसे में अब व्यापमं कांड-2 का मामला सामने आ गया है। इस पूरे मामले ने एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व उनकी सरकार की कार्यशैली पर सवालियां निशान खड़े कर दिये हैं। सरकार ने किसी तरह से प्रदेश की छवि बदलने के लिए व्यापमं का नाम बदलकर पीईबी (प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) किया था। लेकिन अब उसे एक बार फिर बदलकर मप्र कर्मचारी चयन बोर्ड कर दिया गया है। इसका नाम बदलते ही यहां हुए एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो गया है।

क्‍या व्यापमं कांड-1 का ताना बाना देवड़ा ने बुना था?

व्यापमं कांड-1 के उजागर होने के बाद डिजिटल फॉरेंसिक जांच में प्रशांत के पास जो हार्डडिस्क और दस्तावेज मिले थे वो नितिन महिंद्रा के दस्तावेज थे। जिसमें यह बात सामने निकलकर सामने आई थी कि यह पूरा घोटाला कितना बड़ा है। एसटीएफ ने 13 अक्टूबर 2014 को परिवहन आरक्षक भर्ती घोटाले में पहली एफआईआर की। 2008 से परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार अपने चरम पहुंच गया था और उस समय इस विभाग के मंत्री जगदीश देवड़ा थे। देवड़ा ने ही इस पूरे मामले का ताना-बाना बुना था। उनके इशारे पर ही पदों की बोली लगना शुरू हुई और एक-एक पद के लिए 20 लाख रुपये तय किया गया।

कमलनाथ ने शिवराज को लिखी चिट्ठी

पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने केके मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने का विरोध किया है। उन्होंने सीएम शिवराज को चिट्ठी लिखकर कहा है कि सरकार पूरे मामले की जांच करें, राज्य में दूसरे व्यापमं घोटाले पर रोक लगाए। कमश:

Shiv Kumar Mishra

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