ग्वालियर

मध्यप्रदेश में उपचुनाव से पहले सियासी घमासान तेज, ये बड़ा बीजेपी का नेता थामेंगा कांग्रेस का हाथ

Shiv Kumar Mishra
7 Sep 2020 11:16 AM GMT
मध्यप्रदेश में उपचुनाव से पहले सियासी घमासान तेज, ये बड़ा बीजेपी का नेता थामेंगा कांग्रेस का हाथ
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ग्वालियर 7 सितंबर 2020 अतुल सक्सेना : भाजपा की पारिवारिक पृष्ठ भूमि वाले तीन बार के पार्षद डॉ सतीश सिंह सिकरवार के बारे में पिछले 24 घंटे से शहर में और सोशल मीडिया पर चर्चा चल रही है कि वे कल यानि 8 सितंबर को अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के सामने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करेंगे। खबरों के मुताबिक डॉ सतीश सिंह सिकरवार की ताकत का अहसास कराने के लिए उनके साथ करीब 100 से अधिक गाड़ियों का काफिला भोपाल जायेगा और मंगलवार सुबह करीब साढ़े दस बजे वे कांग्रेस में शामिल होंगे। और उनके शामिल होते ही उनकी ग्वालियर पूर्व विधानसभा से उम्मीदवारी निश्चित हो जायेगी। जहाँ उनका मुकाबला कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए मुन्नालाल गोयल से होगा। गौरतलब है कि सतीश सिकरवार को मुन्नालाल गोयल ने पिछला चुनाव करीब 20 हजार वोटों से हराया था। हालांकि एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ ने जब सतीश सिकरवार से इस विषय में बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे बारे में तो चर्चाएं दो महीने से चल रही हैं । लोकतंत्र में ऐसा होता रहता है। मैं तो अभी यहीं हूँ।

कांग्रेस में मची खलबली, नेता दिखा रहे बगावती तेवर

भाजपा नेता सतीश सिंह सिकरवार (BJP leader Satish Singh Sikarwar) के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा से कांग्रेस में खलबली मच गई है। ग्वालियर पूर्व विधानसभा (Gwalior East Assembly) के नेता इसका विरोध कर रहे हैं। रविवार को कांग्रेस कार्यालय में हुई सेक्टर और मंडलम अध्यक्षों की मीटिंग में नेताओं ने जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा से दो टूक कह दिया था कि जितने भी निष्ठावान नेता ग्वालियर पूर्व से दावेदारी जता रहे हैं उन्हीं में से किसी को टिकट दे दिया जायेगा तो ठीक है वरना यदि किसी दलबदलू को टिकट दिया गया तो कोई काम नहीं करेगा। हालांकि इस पर जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा ने कहा कि टिकट हाई कमान तय करता है मैं आपकी बात वहाँ तक पहुँचा सकता हूँ। वहीं वरिष्ठ नेता एवं कार्यकारी जिला अध्यक्ष अमर सिंह माहौर और महाराज सिंह पटेल ने समझाया कि हम लोग नींव है पार्टी की, प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ जिया विरोध नहीं कर सकते पार्टी का वरिष्ठ नेतृत्व जो फैसला लेगा उसे सभी का मानना होगा और पार्टी को जिताना होगा। लेकिन सूत्र बताते हैं कि जैसे जैसे सतीश सिकरवार के कांग्रेस में शामिल होने की खबर फैल रही है विरोध और तेवर कड़े होते जा रहे हैं।

सतीश के समर्थन में भाजपा नेताओं के इस्तीफों का सिलसिला शुरू

भाजपा नेता सतीश सिकरवार के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच उनके समर्थक भाजपा से इस्तीफा देने लगे हैं। समर्थक फेस बुक, व्हाट्स एप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने इस्तीफों की घोषणा कर रहे हैं। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ के पास भी कुछ ऐसी ही पोस्ट आई हैं जिनमें नेता खुद को भाजपा नेता बताते हुए सतीश सिकरवार के समर्थन में भाजपा छोड़ने का ऐलान कर रहे हैं हालांकि ये कितना सच है ये तो समय ही बयाएगा

CM शिवराज और सिंधिया से हो चुकी मुलाकात, शायद बात नहीं बनी

भाजपा नेता सतीश सिंह सिकरवार के पिता गजराज सिंह सिकरवार और छोटे भाई डॉ सत्यपाल सिंह सिकरवार नीटू मुरैना जिले की सुमावली सीट से भाजपा विधायक रह चुके हैं। वहीं सतीश खुद ग्वालियर नगर निगम में तीन बार और उनकी पत्नी शोभा सिकरवार एक बार पार्षद रह चुकी हैं। इस बार उप चुनाव में वे फिर ग्वालियर पूर्व से टिकट मांग रहे हैं लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया से किये गए वादे के तहत पार्टी, कांग्रेस से भाजपा में आये पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल को टिकट देगी। बताया ये भी जा रहा है कि सतीश सिकरवार की मांग है कि यदि पार्टी उन्हें ग्वालियर की ग्वालियर पूर्व से प्रत्याशी नहीं बनाती तो उनके छोटे भाई पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार नीटू को मुरैना जिले की जौरा विधानसभा से उम्मीदवार बनाया जाए। इस विषय में उनकी ग्वालियर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से पिछले दिनों चर्चा हो चुकी है। इतना ही नहीं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ग्वालियर प्रवास के दौरान डॉ सतीश सिंह सिकरवार को जय विलास पैलेस यानि महल बुलाया था। लेकिन सूत्र बताते हैं कि दोनों ही बड़े नेताओं से शायद सतीश सिकरवार को उतना भरोसा नहीं मिला जितना वे चाहते हैं।

रामनिवास रावत ने कराई कमलनाथ से मुलाकात!

सतीश सिंह सिकरवार पिछले लंबे समय से कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हैं वे ग्वालियर पूर्व विधानसभा के कांग्रेस नेताओं से सौजन्य भेंट भी कर रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने ब्लॉक अध्यक्ष राकेश गुर्जर के घर जाकर उनका हालचाल जाना, इस मुलाकात में उनके साथ उनके पुराने मित्र पूर्व कांग्रेस पार्षद अलबेल सिंह घुरैया भी थे। बताया ये भी जा आरहा है कि अलबेल के माध्यम से डॉ सिकरवार कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राम निवास रावत से मिले फिर रावत ने सतीश की मुलाकात प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से करवाई। चूंकि कांग्रेस के नेता मुन्नालाल गोयल के खिलाफ कोई मजबूत उम्मीदवार देख रहे हैं टी संभव है कि कांग्रेस सतीश सिंह सिकरवार को उम्मीदवार बना दे। बहरहाल अब देखना ये होगा कि पार्टी की उपेक्षा और कांग्रेस जॉइन करने से पहले ही उठे विरोध के सुर के बीच क्या सतीश कांग्रेस का हाथ थामते हैं या भाजपा का कोई नेता डेमेज कंट्रोल करता है। क्योंकि सतीश सिकरवार के भाजपा छोड़ने का असर सिर्फ ग्वालियर ही नहीं मुरैना और भिंड में भी दिखाई देगा।

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