इंदौर

शिवराज सरकार के खिलाफ यात्रा निकालने वाले कम्प्यूटर बाबा का आश्रम तोड़ा, बाबा को जेल भेजा

Arun Mishra
8 Nov 2020 11:02 AM GMT
शिवराज सरकार के खिलाफ यात्रा निकालने वाले कम्प्यूटर बाबा का आश्रम तोड़ा, बाबा को जेल भेजा
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बाबा के गोम्मट गिरी वाले आश्रम को प्रशासन ने तोड़ दिया और बाबा को प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।

इंदौर : मध्य प्रदेश के इंदौर में नामदेव दास त्यागी (कम्प्यूटर बाबा) के खिलाफ रविवार को अवैध कब्जे के मामले में कार्रवाई की गई। बाबा के गोम्मट गिरी वाले आश्रम को प्रशासन ने तोड़ दिया और बाबा को प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। कम्प्यूटर बाबा वही हैं जिन्होंने हाल ही में मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में शिवराज सरकार के खिलाफ लोकतंत्र बचाओ यात्रा भी निकाली थी।

प्रशासन ने 2 महीने पहले नोटिस दिया था

इंदौर में एयरपोर्ट रोड पर जम्बूडी हप्सी गांव में बाबा का आश्रम था। आरोप हैं कि गौशाला की 46 एकड़ जमीन पर कब्जा कर इसमें से 2 एकड़ जमीन पर आश्रम बना दिया गया। प्रशासन ने 2 महीने पहले कंप्यूटर बाबा को नोटिस देकर कागज पेश करने को कहा था। 2 हजार रुपए का फाइन लगाकर कब्जा हटाने के लिए भी कहा था।


बाबा की तरफ से न तो कागज पेश किए गए, न ही कब्जा हटाया गया। ऐसे में ADM अजयदेव शर्मा रविवार सुबह नगर निगम की टीम और पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और आश्रम तुड़वा दिया। विरोध की आशंका को देखते हुए पुलिस ने बाबा और उनके 4 सहयोगियों को पहले ही हिरासत में ले लिया था।

कम्प्यूटर बाबा ने दिग्विजय सिंह के लिए यज्ञ करवाया था

बाबा का तालुल्क राजनीति से रहा है। इसलिए, उन्होंने लोकसभा चुनाव में साध्वी प्रज्ञासिंह का विरोध किया था और कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के समर्थन में यज्ञ किया था। दिग्विजय सिंह ने बाबा का आश्रम तोड़े जाने को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है।

भाजपा-कांग्रेस सरकारों में बाबा को राज्यमंत्री का दर्जा मिला था

नर्मदा नदी के किनारे पेड़ लगाने में हुए कथित घोटाले के खिलाफ मार्च 2018 में यात्रा निकालने की घोषणा की थी। जिसके बाद शिवराज सरकार ने पौधारोपण को बढ़ावा देने के लिए एक कमेटी बनाई, इसमें कम्प्यूटर बाबा को भी शामिल किया गया और उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। लेकिन, सरकार बदली तो बाबा ने भी खेमा बदल लिया और कांग्रेस के पक्ष में चले गए। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने भी नर्मदा विकास के लिए समिति बनाकर बाबा को राज्यमंत्री का दर्जा दिया था।

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