इंदौर

प्रियंका से घबराई बीजेपी ने इंदौर का उम्मीदवार इसलिए रोका, पढिये पूरी रिपोर्ट

Special Coverage News
20 April 2019 2:23 PM GMT
प्रियंका से घबराई बीजेपी ने इंदौर का उम्मीदवार इसलिए रोका, पढिये पूरी रिपोर्ट
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बाकी किसी भी उम्मीदवार को लेकर दिल्ली और भोपाल में फिलहाल किसी भी प्रकार की कोई चर्चा नहीं है। कैलाश विजयवर्गीय को भी इस बात के संकेत पहले ही मिल चुके हैं। आईबी भी इन्दौर को लेकर अपनी एक रिपोर्ट भेज चुकी है।...

इंदौर से लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रत्याशी कौन होगा इसकी घोषणा २८ अप्रैल के बाद ही होगी इंदौर के अखबार दैनिक दोपहर ने दावा किया है कि प्रियंका गांधी के चलते भाजपा ने ये सीट रोक रखी है . उधर दिल्ली में इंदौर की निवृतमान सांसद और लोकसभा स्पीकर ने अपने उम्मीदवारों पर बात बनती नही देख प्रधानमंत्री मोदी को इंदौर से भी लोकसभा लड़ने का निमत्रंण दिया है अखबार ने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब बनारस के अलावा इन्दौर से भी उम्मीदवार होंगे, क्योंकि नामांकन भरने के अंतिम दिन ठीक उसी तरह से कांग्रेस मोदी को घेरने की तैयारी कर रही है जिस तरीके से ग्वालियर में अटल बिहारी वाजपेयी को अंतिम समय पर दूसरी जगह से नामांकन भरने का मौका नहीं मिला था।


वायनाड में कांग्रेस के बड़े नेता ने दावा किया कि प्रियंका बनारस से संयुक्त उम्मीदवार हो रही है। इस मामले में एक दौर की बातचीत हो चुकी है। इधर इन्दौर सांसद सुमित्रा महाजन ने भी प्रधानमंत्री से मिलकर उन्हें एक बार फिर इन्दौर के लिए आमंत्रित किया है। अखबार ने माना है कि समीकरण भी यही बता रहे हैं कि यदि प्रियंका गांधी ने बनारस से नामांकन भरा तो मतों का अंतर बहुत ज्यादा नहीं रह जाएगा। यह भी आंकलन कर लें कि इन्दौर से ही उम्मीदवारी क्यों रूकी है, विदिशा से भी नामांकन भरा जा सकता था। विदिशा में विकास को कोई गति नहीं मिली है, जबकि इन्दौर को मोदी के कार्यकाल में कई उपलब्धियां मिली हैं, जिसे बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इन्दौर पूरी तरह से भाजपा के लिए सुरक्षित भी होगा और आसपास की सीटों पर भी इसक प्रभाव पड़ेगा। राजनैतिक समीकरण और उच्च पदस्थ सूत्र अलग-अलग कहानी कह रहे हैं।


आज प्रियंका की वायनाड में हो रही रैली के लिए पहुंचे कांग्रेस के बड़े नेता ने स्थानीय न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा प्रियंका गांधी यदि सहमति बनी तो बनारस से मोदी के सामने मैदान में होगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री बनारस में इस बार अटलजी की तरह ही फंस जाएंगे। उम्मीवारी को लेकर महागठबंधन और अन्य दलों से एक दौर की बातचीत हो चुकी है। इधर दूसरी ओर कल लोकसभा अध्यक्ष और इन्दौर की सांसद सुमित्रा महाजन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें एक बार फिर इन्दौर के लिए निमंत्रण दिया। साथ ही यह भी कहा कि मैं आपको इन्दौर के लिए लेने आई हूँ। समीप खड़े लोगों का दावा है कि इस दौरान प्रधानमंत्री मुस्कुरा दिए। नए समीकरण यह बता रहे हैं कि इन्दौर में सुमित्रा महाजन के चुनाव ना लडऩे के ऐलान के बाद 50 से अधिक दावेदार पैदा हो गए हैं। सभी दावेदार दिल्ली और भोपाल में प्रयास कर रहे हैं। किसी को भी कोई आश्वासन नहीं है।


सूत्र यह भी कह रहे हैं कि इन्दौर की उम्मीदवारी का फैसला केवल प्रधानमंत्री मोदी ही करेंगे और अगले कुछ दिन इन्दौर को लेकर कोई फैसला होने की संभावना नहीं है। इन्दौर से मोदी की उम्मीदवारी का लाभ यह होगा कि जो सीटें हाथ से निकल रही है वे वापस समेटी जा सकेगी। वहीं दूसरी ओर गुजरात में कांग्रेस का प्रभाव विशेष नहीं रहेगा। सर्वे भी यह बता रहे हैं कि तीन राज्यों में भाजपा को बड़ा नुकसान है। इसकी भरपाई मोदी की उम्मीदवारी से ही संभव है।


अखबार ने दिल्ली सूत्रों के हवाले से लिखा है कि यदि प्रियंका की उम्मीदवारी को लेकर बनारस में कोई फैसला ना हो सका और वे उम्मीदवार नहीं बनी तो फिर इन्दौर की सीट मुक्त हो जाएगी और उस स्थिति में एक बार फिर सुमित्रा महाजन के हाथ में ही यह उम्मीदवारी वापस आ जाएगी। बाकी किसी भी उम्मीदवार को लेकर दिल्ली और भोपाल में फिलहाल किसी भी प्रकार की कोई चर्चा नहीं है। कैलाश विजयवर्गीय को भी इस बात के संकेत पहले ही मिल चुके हैं। आईबी भी इन्दौर को लेकर अपनी एक रिपोर्ट भेज चुकी है।...


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