मध्यप्रदेश

...तो मध्यप्रदेश में इस गलती से फेल हुआ बीजेपी का ऑपरेशन लोटस!

Arun Mishra
5 March 2020 8:27 AM GMT
...तो मध्यप्रदेश में इस गलती से फेल हुआ बीजेपी का ऑपरेशन लोटस!
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क्या मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का ऑपरेशन लोटस फ्लॉप हो गया?

क्या मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का ऑपरेशन लोटस फ्लॉप हो गया? ये सवाल इस वजह से क्योंकि देर रात गुरुग्राम में जबरदस्त सियासी ड्रामा चला. ऐसी खबर आई कि कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे कुछ विधायकों को एक होटल में जबरन रोक कर रखा गया है.

आपको बतादें बीते दिनों मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दावा किया था कि बीजेपी कमलनाथ सरकार गिराने के लिए ऑपरेशन चला रही है. इसके तहत मंगलवार रात तक 11 विधायक गुड़गांव के आईटीसी मराठा होटल पहुंच गए थे. इसके बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच सत्ता के लिए भोपाल से दिल्ली तक करीब 24 घंटे तक सियासी घमासान छिड़ा रहा. बुधवार रात तक होटल में ठहरे 6 विधायक भोपाल लौट आए. लेकिन अभी 4 विधायकों की लोकेशन नहीं मिल रही है. उनके बेंगलुरु में होने का दावा किया जा रहा है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि सरकार को कोई खतरा नहीं है.

दरअसल मध्य प्रदेश के 10 विधायक गुड़गांव से सटे मानेसर के आईटीसी होटल में ठहरे हुए थे. कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी धनबल और गुमराह करके लाई थी, ताकि कमलनाथ सरकार अस्थिर हो सके, लेकिन बाद में मध्य प्रदेश सरकार के दो मंत्री जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी के साथ ही कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह वहां पहुंचे और छह विधायकों को वापस ले आए.

कांग्रेस का दावा है कि इस पूरे खेल में शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के तमाम दूसरे नेता शामिल है. अब दिग्विजय सिंह का दावा है कि बाकी 4 विधायको से भी कांग्रेस संपर्क में है और जल्द ही उनकी वापसी कराई जाएगी.

विधायक के गनमैन की गलती से फेल हुआ ऑपरेशन

मंगलवार रात तक सब कुछ योजनानुसार चल रहा था, लेकिन कहा जा रहा है कि एक विधायक के गनमैन की गलती से बीजेपी का पूरा ऑपरेशन फेल हो गया. इस विधायक के गनमैन ने दिल्ली रवाना होते समय एक फोन किया था और इसी फोन से दिल्ली में विधायकों के एकत्रित होने की खबर लीक हो गई. कांग्रेस को ऑपरेशन लोटस फेल करने का वक्त मिल गया. बताया जा रहा है कि दिल्ली में मंगलवार को सत्तापक्ष से जुड़े 12 विधायकों (कांग्रेस व अन्य) को एकत्रित होना था, जिसमें से 11 पहुंच गए.

इनकी मुलाकात बुधवार को बीजेपी के बड़े नेताओं से होनी थी. इस पूरे पॉलिटिकल ड्रामे में दो संभावनाओं का अनुमान लगाया गया था कि ये 11 विधायक सत्ता से बाहर होते हैं तो राज्यसभा चुनाव से पहले सरकार गिर जाएगी. दिल्ली में दो जगह और बेंगलुरु में एक जगह विधायकों को रुकना था. कर्नाटक में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को मप्र के विधायकों को संभालने का जिम्मा सौंपा गया था. बेंगलुरु के प्रेस्टीज पालम मेडोज में तीन कांग्रेसी और एक निर्दलीय विधायक को रखा गया है.

बीजेपी हाईकमान ने इस ऑपरेशन लोटस में यह शर्त रखी थी कि यह फेल नहीं होना चाहिए, लेकिन कांग्रेस के सक्रिय होते ही यह कमजोर हो गया. ऑपरेशन फेल होने के बाद नरोत्तम समेत अन्य नेता तो दिल्ली से रवाना हो गए, लेकिन शिवराज सिंह को बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दिल्ली बुला लिया. इधर, बताया जा रहा है कि बेंगलुरु से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से फोन पर बात की है. उनका कहना है कि बाकी विधायक गुरुवार को लौट आएंगे.

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