- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- MP में बिजली बिल ने ली...
MP में बिजली बिल ने ली किसान की जान: फांसी लगाई, सुसाइड नोट में लिखा- शरीर सरकार को दे दो, कर्ज चुक जाएगा
मध्य प्रदेश के छतरपुर में 35 साल के किसान ने गुरुवार को फांसी लगा ली। वो आटा चक्की चलाता था और बिजली का 88 हजार का बिल नहीं चुका पा रहा था। कुछ दिन पहले ही विभाग ने उसकी चक्की, मोटर और बाइक जब्त कर ली थी। खुद को अपमानित महसूस कर रहे किसान ने खुदकुशी कर ली। एक सुसाइड नोट मिला है, इसमें उसने लिखा कि मेरा शरीर सरकार को सौंप देना, जो अंग-अंग बेचकर 88 हजार चुका दे।
ये घटना जिले के मातगुवां कस्बे की है। चक्की चलाने वाले मुनेंद्र राजपूत का शव खेत में आम के पेड़ से लटका मिला। उसके घर सोमवार को बिजली विभाग के कर्मचारी बिल की वसूली करने पहुंचे थे। कर्ज नहीं चुकाने पर कुर्की की कार्रवाई कर दी। विभाग का कहना है कि मुनेंद्र पर 2018 से बिजली का बिल बकाया था। कई बार नोटिस के बावजूद वो बिल नहीं चुका रहा था।
3 पेज का सुसाइड नोट, लिखा- लॉकडाउन में काम ठप हुआ, 3 भैंसें चोरी हो गईं
मौके पर पुलिस को 3 पन्ने का सुसाइड नोट मिला है। इसमें मुनेंद्र ने लिखा, 'लॉकडाउन में काम ठप होने, एक भैंस की करंट से मौत, तीन भैंस चोरी होने और खेती से भी आमदनी नहीं होने के कारण बिल नहीं चुका पाया। शरीर के अंग बेचकर कर्ज चुका देना। सभी को नमस्कार।'
15 हजार जमा कर रहा था, पर महकमा माना ही नहीं
मुनेंद्र के भाई लोकेन्द्र ने बताया कि भाई ने बिजली विभाग की टीम से कहा था कि सामान जब्त ना करें। अभी 10-15 हजार रुपए जमा कर देता हूं, बाकी फसल आने पर जमा कर दूंगा, लेकिन टीम ने एक नहीं सुनी। सामान जब्त कर मुनेंद्र के जबरन दस्तखत करवा लिए। इससे वह सदमे में आ गया। मुनेंद्र के परिवार में पत्नी, 3 बेटियां और एक बेटा है।
विभाग की दलील- वो किसान नहीं था, चक्की चलाता था
महकमे के अधिकारियों का कहना है कि मुनेंद्र को बिल चुकाने के कई मौके दिए गए। बिजली कंपनी के छतरपुर संभाग के कार्यपालन अभियंता आरके पाठक ने कहा कि मुनेंद्र किसान नहीं था, उसका चक्की उद्योग था। कमर्शियल कनेक्शन लिया था। दो-तीन नोटिस के बावजूद बिल नहीं चुकाया। फिर आरआरसी जारी की गई। इसके बाद भी कई मौके उसे दिए गए। 8 दिसंबर को दोबारा आरआरसी जारी की गई, लेकिन फिर भी बिल जमा नहीं किया। तब पुलिस के साथ कुर्की की कार्रवाई की गई।
एसपी सचिन शर्मा और डीआईजी विवेकराज सिंह भी इस घटना की सूचना पर मौके पर गए। एसपी का कहना है कि बिजली कंपनी के बकाया और सुसाइड नोट की जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।