मध्यप्रदेश

महिला IAS की अनोखी शादी, तोड़ दी हिंदू संस्कृति की सबसे जरूरी रस्म, चर्चा में आई शादी!

Arun Mishra
18 Dec 2021 10:19 AM IST
महिला IAS की अनोखी शादी, तोड़ दी हिंदू संस्कृति की सबसे जरूरी रस्म, चर्चा में आई शादी!
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ये शादी तब चर्चा में आ गई जब पता चला की हिंदू संस्कृति से की गई इस शादी में सबसे जरूरी रस्म ही पूरी नहीं की गई.

मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के जोबा गांव में एक महिला आईएएस (IAS) अफसर और आईएफएस (IFS) अधिकारी की शादी चर्चा में है. जिले के करेली के पास एक छोटे से गांव जोबा की रहने वाली तपस्या परिहार 2018 बैच की आईएएस हैं. उनकी शादी आईएफएस अफसर गर्वित गंगवार से हुई. ये शादी तब चर्चा में आ गई जब पता चला की हिंदू संस्कृति से की गई इस शादी में सबसे जरूरी रस्म ही पूरी नहीं की गई. हिंदू संस्कृति में कन्यादान का सबसे अहम महत्व होता है पर नरसिंहपुर जिले में पैदा हुई महिला आईएएस अधिकारी ने इन सारे बंधनों को तोड़ते हुए अपनी शादी में कन्यादान की रस्म को ना करवा कर शादी को चर्चाओं में ला खड़ा कर दिया.

तपस्या परिहार की शादी इसलिए बेहद चर्चा में है क्योंकि उन्होंने कन्यादान कराने से इनकार कर दिया. तपस्या ने अपने पिता से कहा है कि मैं दान की चीज नहीं हूं, आपकी बेटी हूं. उन्होंने शादी में कन्यादान की रस्म नहीं कराई. गुरुवार को जोवा गांव में इस शादी का रिसेप्शन हुआ है. इसमें दोनों पक्षों के रिश्तेदार और परिचित शामिल हुए.

'कोई मुझे दान कैसे कर सकता है'

तपस्या का कहना है कि दो परिवार आपस में मिलकर विवाह करते हैं तो फिर बड़ा छोटा या ऊंचा नीचा होना ठीक नहीं. क्यों किसी का दान किया जाए और जब मैं शादी के लिए तैयार हुई तो मैंने भी परिवार के लोगों से चर्चा कर कन्यादान की रस्म को शादी से दूर रखा. वहीं तपस्या के पति आईएफ़एस गर्वित भी बताते हैं कि क्यों किसी लड़की को शादी के बाद पूरी तरह बदलना होता है. चाहे मांग भरने की बात हो या कोई ऐसी परंपरा जो ये सिद्ध करें कि लड़की शादीशुदा है. ऐसी रस्में लड़के के लिए कभी लागू नहीं होती और इस तरह की मान्यताओं को हमें धीरे-धीरे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए. तपस्या के पिता भी शादी से खुश हैं. उनका मानना है कि इस तरह की रस्मों से लड़की को पिता के घर से या उसकी जायजाद से बेदखल करने की साजिश की तरह देखा जाता है.

बता दें ये पूरी शादी वैदिक मंत्रों के साथ और बाकी के सारे रीति रिवाज से संपन्न हुई. बस कन्यादान जैसी रस्म को दूर कर दोनों आईएएस ओर आईएफएस अधिकारियों ने शादी को अनोखा बना दिया और एक मिसाल पेश कर चर्चाओं में ला दिया.

शादी में नहीं हुई कन्यादान की रस्म

वहीं तपस्या के पति IFS गर्वित भी बताते हैं कि क्यों किसी लड़की को शादी के बाद पूरी तरह बदलना होता है. चाहे मांग भरने की बात हो या कोई ऐसी परंपरा जो ये सिद्ध करें कि लड़की शादीशुदा है. ऐसी रस्में लड़के के लिए कभी लागू नहीं होती और इस तरह की मान्यताओं को हमें धीरे-धीरे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए. तपस्या के पिता भी शादी से खुश हैं. उनका मानना है कि इस तरह की रस्मों से लड़की को पिता के घर से या उसकी जायजाद से बेदखल करने की साजिश की तरह देखा जाता है.

बता दें ये पूरी शादी वैदिक मंत्रों के साथ और बाकी के पूरे रीति रिवाज से संपन्न हुई. बस कन्यादान जैसी रस्म को दूर कर दोनों आईएएस और आईएफएस अधिकारियों ने शादी को अनोखा बना दिया और एक मिसाल पेश कर चर्चाओं में ला दिया.

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