
- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- बुजुर्गो का अपना घर...
बुजुर्गो का अपना घर विदिशा के श्री हरि वृद्ध आश्रम में रहकर बूढ़ी मांताये अपने बच्चों के लिए मांग रही है ख़ुशीयां

मध्य प्रदेश के विदिशा जिला मुख्यालय पर स्थित पुराने जिला अस्पताल में श्रीहरि वृद्ध आश्रम में रहने वाली 30 से अधिक बुजुर्ग माताएं जंहा अपनी सन्तानो से पीड़ित और प्रताड़ित होकर आयी हे वही वृद्ध आश्रम में भी आज संतान सप्तमी का व्रत रखकर अपनी संतान की खुशहाली के लिए पूजा कर रही हे । ये भारतीय माताए हे जो, अपने बच्चों को हर हाल में खुश देखना चाहती हैं,
कहते हे की पूत तो कपूत हो सकते हैं लेकिन कभी माता कुमाता नहीं होती है खुद परेशानी में रहकर वह अपने बच्चों को हर हाल में खुश देखना चाहती है यही वजह है कि जिस मां को बरसों पहले उसके बच्चों ने मारपीट कर घर से भगा दिया था, वही मां वृद्धाश्रम में रहकर बच्चों की खुशीयो के लिए आज अपनी संतान को जन्म देने के बाद से ही ये माताए अपनी संतान की दीर्धायु के लिए श्रीहरि वृद्धाश्रम में एक दिन पहले से ही तैयारी में जुटी है
वृद्धाश्रम में रहने वाली बुजुर्ग महिला, शांति बाई ने बताया कि उनके बेटे उनके साथ बुरा बर्ताव करते हैं लेकिन वे उनकी पीड़ा सहने के बाद भी भूखे प्यासे रहकर उनके लिए भगवान से लंबी आयु की प्रार्थना करती हैं ।वृद्धा फूला बाई कहती हे की बेटों ने पहले दर्द दिया फिर घर से भगाया है । लेकिन बेटो के प्रति उनका प्यार कम नहीं हुआ । भवरी बाई अपने बच्चो की भारी प्रताड़ना के बाद भी उनके लिए व्रत रखती रही हे ।
श्रीहरि वृद्ध आश्रम के संचालक, वेद प्रकाश शर्मा ने बताया कि एक वृद्ध महिला की कहानी है कि उसको अपने बेटे द्वारा मारपीट और गाली गलौज आए दिन किया करता था जिससे वह भी परेशान हो गई और आश्रम का सहारा लिया है दरअसल बेटा शराब का आदी था बेटे ने शराब तो नहीं छोड़ी पर अपनी मां को छोड़ दिया मजबूर कर दिया उस को जिस मां ने उस को जन्म दिया
वह मां भले ही वृद्ध आश्रम में रह रही है पर आज भी अपने बेटे के लिए खुश देखना चाहती हैं इसीलिए संतान सप्तमी पर पूजन कर अपने बेटे की खुशहाली की कामना कर रही है । इंदिरा शर्मा बताती है कि ऐसी एक-दो नहीं अनेकों पीड़ित महिलाएं वृद्ध यहां हैं जो अपने बच्चों से सताई हुई हैं।








