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10 छात्रों ने छोड़ा स्कूल तो शिक्षक ने जहर खाकर दे दी जान, सुसाइड नोट में लिखी चौंकाने वाली बात
![10 छात्रों ने छोड़ा स्कूल तो शिक्षक ने जहर खाकर दे दी जान, सुसाइड नोट में लिखी चौंकाने वाली बात 10 छात्रों ने छोड़ा स्कूल तो शिक्षक ने जहर खाकर दे दी जान, सुसाइड नोट में लिखी चौंकाने वाली बात](https://www.specialcoveragenews.in/h-upload/2023/08/10/383546-screenshot-2023-08-10-at-121824.webp)
महाराष्ट्र के पुणे से बेहद दुखद खबर सामने आई है. यहां एक शिक्षक ने इसलिए अपनी जान दे दी क्योंकि उसके स्कूल में छात्रों ने जाना छोड़ दिया था. वह बच्चों को पढ़ाना चाहता था मगर उसका यह सपना अधूरा रह गया. घटना जिले के दौंड के जावजीबुवा वाड़ी इलाके की है. शिक्षक ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा जिसमें उसने इस बात का जिक्र किया है.
शिक्षक द्वारा आत्महत्या करने की खबर जब इलाके में फैली तो हड़कंप मच गया. जानकारी के मुताबिक, अरविंद देवकर का दो महीने पहले ही जावजीबुवा वाड़ी के प्राइमरी स्कूल में तबादला हुआ था. स्कूल में साफ-सफाई नहीं थी. गंदगी में वह छात्रों को पढ़ाना नहीं चाहता था. वह चाहता था कि बच्चे साफ-सुथरी जगह में शिक्षा ग्रहण करें. इसलिए उसने छात्रों की मदद से खुद ही स्कूल की सफाई करना शुरू कर दिया. स्कूल में कुल 10 ही छात्र थे. उस समय तो छात्रों ने स्कूल में सफाई कर दी. लेकिन यह बात उन्होंने अपने परिजनों को बता दी. इससे बच्चों के अभिभावक काफी नाराज हुए. एक तो स्कूल में सिर्फ एक ही टीचर था. इस बात से वह पहले से ही नाराज थे. ऊपर से जब उन्हें पता चला कि उनके बच्चों से स्कूल में सफाई करवाई जा रही है तो 9 बच्चों के माता-पिता ने अपने बच्चों का स्कूल छुड़वा दिया. इसके बाद बच्चों का दूसरी जगह दाखिला करवा दिया.
शिक्षक को हुआ पछतावा, खाया जहर बाद में स्कूल में सिर्फ एक ही छात्रा बची. उसने भी दूसरे दिन से स्कूल आना बंद कर दिया. जब यह बात टीचर अरविंद को पता लगी तो वह काफी दुखी हुए. उन्हें इस बात का बहुत पछतावा हुआ और इसी निराशा में उन्होंने स्कूल में ही जहर खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की. जहर खाने के बाद उन्हें तकलीफ होने लगी. इस बात की जानकारी लोगों को मिलने के बाद उन्हें तुरंत निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. लेकिन जैसे-जैसे जहर का असर बढ़ता गया तो उन्हें पुणे के हडपसर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. मगर मंगलवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
शिक्षक ने मरने से पहले लिखा सुसाइड नोट शिक्षक ने आत्महत्या करने से पहले एक नोट भी लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि वह छात्रों के साथ-साथ माता-पिता का दिल नहीं जीत सके और इस वजह से 10 में से 9 छात्र दूसरे स्कूल में चले गए. मैं खुद को दोषी महसूस करता हूं और धैर्य खो देने के कारण मैं पवित्र मंदिर में अपना शरीर त्याग रहा हूं. अरविंद देवकर पिछले 19 साल से उप शिक्षक के तौर पर काम कर रहे थे और उन्हें आदर्श शिक्षक पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है. इस घटना के बाद शिक्षा क्षेत्र में काम करने वाले लोगों में हड़कंप मच गया है. अब इस घटना की शिक्षा अधिकारी द्वारा जांच की जाएगी और जिला प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी जाएगी.