
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने की आत्महत्या, बताई सुसाइड करने की वजह

महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के मराठवाड़ा जिले के परभनी में एक 54 वर्षीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने बताया कि पिछले 5 महीनों से वेतन नहीं मिलने और काम का अधिक दबाव होने से महिला काफी परेशान थी जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली। जानकारी के मुताबिक सुमित्रा सावणकर ने अपने गांव बोर्डी स्थित अपने घर पर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। बताया जाता है कि, वह 2001 से अपने गांव से कुछ किमी की दूरी पर स्थित नागंगांव आंगनवाड़ी सेंटर में काम करती थी।
पुलिस ने महिला के घर से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है। सुसाइड नोट में महिला ने लिखा है कि, उसे जून से लेकर अब तक अपना वेतन नहीं मिला है साथ ही उसके उपर काम का दबाव भी है। इसके अलावा घरवालों की तरफ से उसे प्रताड़ित किया जा रहा था जिसके कारण उसे यह कदम उठाना पड़ रहा है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला से आंगनवाड़ी अधिकारियों के द्वारा 2008 के बाद से रिकॉर्ड रजिस्टर की मांग की जा रही थी, जो उसके पास नहीं था। इसी बात का डर महिला को सताए जा रहा था कि उसकी नौकरी ना चली जाए जिसके बाद वह इस तरह के कदम उठाने पर मजबूर हो गई।
उसने आगे लिखा कि वह आंगनवाड़ी केंद्र एक मंदिर परिसर में चलाती है जिसकी सराहना किये बिना उससे रजिस्टर की मांग कर उसे परेशान किया जा रहा है। उसने यह भी कहा है कि उसके पास फोटोकॉपी कराने तक के भी पैसे नहीं है साथ ही रोजाना केंद्र तक जाने के लिए लगने वाला 20 रुपये का किराया भी नहीं है। महिला ने अपने सुसाइड नोट में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा बकाया वेतन भुगतान किये जाने को लेकर किये विरोध प्रदर्शन का भी जिक्र किया है।