महाराष्ट्र

पत्नी को प्रताड़ित करने के मामले में पति के दूर के रिश्तेदारों को भी हो सकती है केस: बॉम्बे हाईकोर्ट

Satyapal Singh Kaushik
13 Jan 2023 7:15 AM GMT
पत्नी को प्रताड़ित करने के मामले में पति के दूर के रिश्तेदारों को भी हो सकती है केस: बॉम्बे हाईकोर्ट
x
हाईकोर्ट के जज सुनील शुक्रे और गोविंद सानप की बेंच ने एक परिवार द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई की थी।

अपनी पत्नी को प्रताड़ित करने के मामले में अब पति के दूर के रिश्तेदारों पर भी केस दर्ज हो सकता है. हाल ही में ऐसे ही एक मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने अहम टिप्पणी करते हुए एफआईआर खारिज करने की याचिका को ही खारिज कर दिया।

हाई कोर्ट ने कहा कि

हाईकोर्ट ने कहा कि अक्सर पति पत्नी के बीच विवाद के दौरान दूर के रिश्तेदारों का हस्तक्षेप काफी ज्यादा रहता है और वे पत्नी को प्रताड़ित करते हैं. इसी वजह से ऐसे मामलों में आईपीसी की धारा 498 ए के तहत पति से दूर रहने वाले रिश्तेदारों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जा सकता है।

हाईकोर्ट के जज सुनील शुक्रे और गोविंद सानप की बेंच ने एक परिवार द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई की थी. याचिकाकर्ताओं ने अपने खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की अपील की थी. इस याचिका पर ही राज्य सरकार और पीड़ित पत्नी के वकीलों ने एतराज किया था. दरअसल याचिका में कहा गया था कि आरोपी पति अकोला में रहता है. पति के साथ ना तो माता-पिता और ना ही भाई-बहन रहते हैं ऐसे में महिला द्वारा ससुरालवालों और रिश्तेदारों पर लगाए गए आरोपों को सही नहीं ठहराया जा सकता है।

पति के दूर के रिश्तेदार भी होते हैं जिम्मेदार

वहीं सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने याचिकाकर्ताओँ के तर्क को मानने से इंकार कर दिया. पीठ ने कहा कि कानून के मुताबिक ऐसा कोई अनुमान नहीं है कि दूर रहने वाले रिश्तेदार हमेशा निर्दोष रहते हैं. जबतक कि वे खुद की बेगुनाही साबित न कर दें. विवाहित जोड़े के मामले में दूर रहने वाले रिश्तेदारा भी आसानी से दखलंदाजी करते हैं. और कई बार दखल इतना बढ़ जाता है कि पत्नी का उत्पीड़न किया जाने लगता है।

कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के तर्क को मानने से किया इंकार

वहीं सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने याचिकाकर्ताओँ के तर्क को मानने से इंकार कर दिया. पीठ ने कहा कि कानून के मुताबिक ऐसा कोई अनुमान नहीं है कि दूर रहने वाले रिश्तेदार हमेशा निर्दोष रहते हैं. जबतक कि वे खुद की बेगुनाही साबित न कर दें. विवाहित जोड़े के मामले में दूर रहने वाले रिश्तेदारा भी आसानी से दखलंदाजी करते हैं. और कई बार दखल इतना बढ़ जाता है कि पत्नी का उत्पीड़न किया जाने लगता है.

Satyapal Singh Kaushik

Satyapal Singh Kaushik

न्यूज लेखन, कंटेंट लेखन, स्क्रिप्ट और आर्टिकल लेखन में लंबा अनुभव है। दैनिक जागरण, अवधनामा, तरुणमित्र जैसे देश के कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में लेख प्रकाशित होते रहते हैं। वर्तमान में Special Coverage News में बतौर कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

Next Story