महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के नासिक में 24 घंटों में तीन बार लगे भूकंप के झटके, आज सुबह फिर हिली धरती

Arun Mishra
9 Sep 2020 3:36 AM GMT
महाराष्ट्र के नासिक में 24 घंटों में तीन बार लगे भूकंप के झटके, आज सुबह फिर हिली धरती
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महाराष्ट्र के नासिक में पिछले 24 घंटों के भीतर भूकंप के तीन झटके महसूस किए गए हैं।

हाराष्ट्र के नासिक में पिछले 24 घंटों के भीतर भूकंप के तीन झटके महसूस किए गए हैं। मंगलवार सुबह आए दो लगातार झटकों के बाद बुधवार तड़के यहां एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप के झटके सुबह तड़के 4.17 बजे महसूस हुए। भूकंप का केंद्र नासिक से 93 किमी. पश्चिम की ओर था।

मंगलवार को महाराष्ट्र के नासिक में भूकंप आया था। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार सुबह करीब 9.50 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए। भूकंप का केंद्र नासिक से 103 किमी पश्चिम की ओर था। बता दें कि मुंबई सहित देश के पश्चिमी तट पर सोमवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप के झटके सुबह 8 बजे के करीब महसूस हुए।

रिक्टर स्केल और भूकंप की तीव्रता का संबंध?

0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।

2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।

3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।

4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।

5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है।

6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।

7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।

8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।

9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।

भूकंप आने पर क्‍या करें, क्या न करें

भूकंप आने पर फौरन घर, स्कूल या दफ़्तर से निकलकर खुले मैदान में जाएं। बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ों, बिजली के खंबों आदि से दूर रहें।

बाहर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।

कहीं फंस गए हों तो दौड़ें नहीं। इससे भूकंप का ज्यादा असर होगा।

भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे, ऊपर रखे भारी सामान से दूर हट जाएं ताकि इनके गिरने और शीशे टूटने से चोट न लगे।

अगर आप बाहर नहीं निकल पाते तो टेबल, बेड, डेस्क जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे घुस जाएं और उसके लेग्स कसकर पकड़ लें ताकि झटकों से वह खिसके नहीं।

कोई मजबूत चीज न हो, तो किसी मजबूत दीवार से सटकर शरीर के नाजुक हिस्से जैसे सिर, हाथ आदि को मोटी किताब या किसी मजबूत चीज़ से ढककर घुटने के बल टेक लगाकर बैठ जाएं।

खुलते-बंद होते दरवाजे के पास खड़े न हों, वरना चेाट लग सकती है।

गाड़ी में हैं तो बिल्डिंग, होर्डिंग्स, खंबों, फ्लाईओवर, पुल आदि से दूर सड़क के किनारे या खुले में गाड़ी रोक लें और भूकंप रुकने तक इंतजार करें।

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