महाराष्ट्र

CM उद्धव बोले- महाराष्ट्र में सख्त लॉकडाउन की जरूरत नहीं, कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू

Arun Mishra
30 April 2021 4:23 PM GMT
CM उद्धव बोले- महाराष्ट्र में सख्त लॉकडाउन की जरूरत नहीं, कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू
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लॉकडाउन के मसले पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रदेश में सख्त लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं

महाराष्ट्र कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है, राज्य सरकार ने संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है और इसका असर दिख भी रहा है. मुंबई में संक्रमण की दर में काफी कमी देखी गई है. इस बीच शुक्रवार को राज्य की जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. उन्होंने कहा, "हम तीसरी लहर का प्रभाव महाराष्ट्र पर नहीं पड़ने देंगे. देश का कोई भी आदमी कोरोना की दूसरी लहर के लिए तैयार नहीं था., लेकिन लहर आ गई." मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर 1 मई से तय कार्यक्रम के मुताबिक टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होगा.

उद्धव ने कहा कि मैंने उद्योगपतियों से बात की है और उन्हें बताया है कि भविष्य में क्या होने वाला है और तीसरी लहर से निपटने के लिए क्या तैयारी करनी होगी. सीएम ठाकरे ने कहा, "हमने प्रतिबंधों और लॉकडाउन के जरिए कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पा लिया है. हमारा अनुमान था कि राज्य में 10 लाख पॉजिटिव एक्टिव केस हो सकते हैं, लेकिन अभी यह 7 लाख के करीब है." लॉकडाउन के मसले पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रदेश में सख्त लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं और राज्य के लोग कोविड व्यवहार का पालन कर रहे हैं.

राज्य में रेमडेसिविर की किल्लत पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजाना की जरूरत 50,000 शीशियों की है, लेकिन केंद्र सरकार ने हमें शुरुआत में 26,700 शीशियां दी थीं. बाद में हमने प्रधानमंत्री से और सप्लाई की मांग की. उन्होंने कहा कि अभी हमें 43,000 शीशियां उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है, लेकिन वास्तव में हमें 35,000 शीशियां ही मिल रही हैं और हम इसका भुगतान कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने लोगों को चेताया कि गैर जरूरी मामलों में रेमडेसिविर का उपयोग ना करें और डॉक्टर की सलाह पर ही कोई फैसला लें.

इसके अलावा ऑक्सीजन की कमी पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य के पास 1200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के उत्पादन की क्षमता है. लेकिन हम रोजाना 1700 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का उपयोग कर रहे हैं.

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