महाराष्ट्र

शिवसेना बागियों को राहत : SC के आदेश के बाद एकनाथ शिंदे बोले- ये बालासाहेब के हिंदुत्व की जीत है, 10 मुख्य बातें

Arun Mishra
27 Jun 2022 12:37 PM GMT
शिवसेना बागियों को राहत : SC के आदेश के बाद एकनाथ शिंदे बोले- ये बालासाहेब के हिंदुत्व की जीत है, 10 मुख्य बातें
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महाराष्ट्र सरकार को ही कोर्ट ने विधायकों के परिवार की जानमाल की सुरक्षा का आदेश दे दिया है।

महाराष्ट्र की सत्ता की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी है। इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बागी मंत्रियों के मंत्रालय छीन लिए हैं। 5 कैबिनेट, 4 राज्य मंत्रियों की जिम्मेदारी दूसरों को सौंपी गई है। एकनाथ शिंदे का विभाग सुभाष देसाई को और आदित्य ठाकरे को 3 मंत्रालयों का प्रभार दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बागी विधायकों के पक्ष में एक और फैसला आया। कोर्ट ने 39 विधायकों के परिवारों की सुरक्षा करने के आदेश दिए हैं। महाराष्ट्र सरकार को ही कोर्ट ने विधायकों के परिवार की जानमाल की सुरक्षा का आदेश दे दिया है।

शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर, अजय चौधरी, सुनील प्रभु व केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है. विधानसभा सचिव को भी नोटिस जारी किया गया है. पांच दिन में नोटिस का जवाब देने को कहा गया है.

कोर्ट ने सभी विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराने और यथा स्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फैसले तक कोई फ्लोर टेस्ट नहीं किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्यों ना अयोग्यता के मामले को तब तक रोक दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर से पूछा,"आप कहेंगे या हम कहें."

SC के फैसले पर बोले शिंदे

सुप्रीम कोर्ट द्वारा बागी विधायकों की अयोग्यता पर कार्यवाही 11 जुलाई तक टालने के बाद एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया कि यह बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व और आनंद दिघे के विचारों की जीत है।

महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच शिंदे गुट की अर्जियों पर आज कोर्ट में सुनवाई हुई. दो जजों की बेंच ने सुनवाई की. शिंदे गुट की ओर से नीरज किशन कौल ने बहस किया. जस्टिस सूर्यकांत ने शिंदे गुट से पूछा, आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए. कौल ने कहा कि हमारे पास 39 विधायक है. सरकार अल्पमत में है. हमे धमकी दी जा रही है . हमारी संपत्ति जलाई जा रही है . बॉम्बे कोर्ट में सुनवाई के लिए माहौल नहीं है. हमें नोटिस का जवाब देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप कह रहे हैं कि आपको अपनी जान की चिंता है. दूसरा आप कह रहे हैं कि स्पीकर ने आपको पर्याप्त समय नहीं दिया है. कौल ने कहा कि इस मामले में डिप्टी स्पीकर बेवजह जल्दबाजी में हैं. उन्होंने अयोग्यता पर जवाब दाखिल करने के लिए 11 जुलाई तक का समय बढ़ाया.


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