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दिलचस्प हुआ महाराष्ट्र जा सियासी खेल? संजय राउत का दावा- हमें 170 विधायकों का समर्थन
मुंबई : महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना में गतिरोध जारी है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने रविवार को कहा कि हमें 170 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। यह आंकड़ा 175 भी हो सकता है। अभी तक सरकार बनाने को लेकर हमारी भाजपा से कोई बातचीत नहीं हुई। मुख्यमंत्री पद पर सहमति बने तभी चर्चा होगी। उधर, महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजित पवार ने कहा कि चुनाव के नतीजे आने के बाद पहली बार संजय राउत ने उनसे संपर्क किया और संदेश भेजा है। तब अजित एक बैठक में थे, लेकिन उन्होंने कहा कि वे जल्द ही राउत से बात करेंगे।
'राष्ट्रपति शासन लगा तो यह भाजपा की सबसे बड़ी हार'
शिवसेना के मुखपत्र सामना में साप्ताहिक कॉलम में राउत ने सरकार के गठन पर गतिरोध की तुलना 'अहंकार के कीचड़ में फंसे रथ' से की है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो यह भाजपा की 'सदी की सबसे बड़ी हार' होगी। दरअसल, भाजपा के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि अगर राज्य में 7 नवंबर तक सरकार का गठन नहीं होता है तो राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
शिवसेना के राकांपा से हाथ मिलाने की भी अटकलें
भाजपा 5 साल अपना मुख्यमंत्री बनाए जाने के रुख पर कायम है। ऐसी भी अटकलें हैं कि शिवसेना राकांपा के साथ हाथ मिला सकती है और कांग्रेस से बाहरी समर्थन के साथ सरकार बना सकती है। राज्य के कुछ कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए शिवसेना को अपने फैसले पर कायम रहना चाहिए।