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शिवसेना के इस्तीफे सरयू नदी में पड़े है, आप अपनी चिंता करो - देवेन्द्र फडनवीस
भाजपा और शिवसेना के एकजुट रहने की बात दोहराते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि शिवसेना के मंत्रियों के इस्तीफे पत्र अब सरयू नदी में पड़े हैं. फडणवीस ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने पर जोर देने और उत्तर प्रदेश की उनकी हालिया यात्रा की पृष्ठभूमि में इस पवित्र नदी का जिक्र किया. मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा,'शिवसेना और भाजपा के एकजुट होने पर कांग्रेस-एनसीपी को अगले दस से 15 साल के लिए फिर विपक्ष में बैठना होगा.'
वह विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल (कांग्रेस) द्वारा नाणर रिफाइनरी और समृद्धि कोरिडोर परियोजनाओं पर शिवसेना की 'चुप्पी' को लेकर निशाना साधे जाने का जवाब दे रहे थे.
'किसी भी इस्तीफे की कोई जरूरत नहीं है'
मुख्यमंत्री ने कहा,'शिवसेना के इस्तीफे अब सरयू नदी में पड़े हैं. आप चिंता ना करें. हम दोनों (शिवसेना और भाजपा) एक साथ हैं और किसी भी इस्तीफे की कोई जरुरत नहीं है.' विखे पाटिल की ओर देखते हुए फडणवीस ने कहा,'चूंकि हम दोनों साथ हैं तो आपके पास सत्ता में लौटने का कोई मौका नहीं है. आपको और 10 से 15 वर्षों के लिए विपक्ष की सीटों पर बैठना होगा.'
वरिष्ठ शिवसेना नेता रामदास कदम ने पिछले साल कहा था कि वह और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में उनके साथी अपनी जेबों में इस्तीफा पत्र लेकर घूम रहे हैं और पार्टी प्रमुख के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं.
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी इस आधार पर नाणर रिफाइनरी परियोजना का विरोध कर रही है कि वह किसानों के हित के खिलाफ है और इससे तटीय कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी जिले में पारिस्थितिकी तंत्र बर्बाद होगा. पार्टी ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी समृद्धि कोरिडोर परियोजना के लिए किसानों की भूमि के अधिग्रहण को रोकने की कोशिश की थी.