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- BJP का लुभावना 'ऑफर'...
नई दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी और एनसीपी चीफ शरद पवार की मुलाकात से महाराष्ट्र की राजनीतिक सरगर्मी और तेज हो गई है। सूबे में सरकार गठन को लेकर जारी उठापटक के बीच इन दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद सियासी हलकों में कई नए समीकरण की चर्चा जोरों पर है। एक चर्चा तो यह भी है कि महाराष्ट्र में एनसीपी और बीजेपी की सरकार बन सकती है और इसके एवज में केंद्र में शरद पवार की पार्टी को तीन अहम मंत्रालय मिल सकते हैं। इतना ही नहीं, इससे आगे चर्चा यह भी है कि शरद पवार को 2022 के लिए राष्ट्रपति का पद भी ऑफर किया जा सकता है।
बता दें कि महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महागठबंधन की सरकार बनाने की कवायद तेज हुई थी। हालांकि इस बीच शरद पवार ने यह बयान देकर कि सोनिया गांधी से सरकार बनाने को लेकर उनकी कोई चर्चा नहीं हुई है, नया सस्पेंस पैदा कर दिया। यही नहीं, पवार से जब यह पूछा गया कि शिवसेना के साथ सरकार बनने के क्या चांस हैं तो उन्होंने यहां तक कह दिया था कि'बीजेपी और शिवसेना से पूछो, दोनों साथ थे।
उधर, पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में एनसीपी के अनुशासन की तारीफ कर दी। इसके बाद से ही सियासी हलकों में नए समीकरण को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं तेज हो गईं। अब पीएम मोदी और पवार की मुलाकात के बाद यह चर्चा जोरों पर है कि महाराष्ट्र में नया सियासी समीकरण बन सकता है और संभव है कि एनसीपी-बीजेपी मिलकर सरकार बना लें।
इन चर्चाओं पर विश्वास करें तो माना जा रहा है कि एनसीपी के कुछ सांसदों ने सरकार बनाने के लिए शरद पवार से बीजेपी के साथ जाने की अपील की है। ये नेता इसके लिए अजीत पवार को भी मनाने में जुटे हैं। चर्चाओं की मानें तो अगर एनसीपी सरकार बनाने के लिए बीजेपी से हाथ मिलाती है तो राज्य मंत्रिमंडल में तो उसे कई अहम पद मिलेंगे ही केंद्र में भी पार्टी को 3 अहम पद दिए जाएंगे। इतना ही नहीं वर्तमान राष्ट्रपति का कार्यकाल जुलाई 2022 में खत्म हो रहा है और इसके बाद बीजेपी की तरफ से पवार का नाम राष्ट्रपति के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है।
हालांकि इन सबके बीच शिवसेना ने फिर दावा किया है कि महाराष्ट्र में उनकी ही सरकार बनेगी। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि गुरुवार तक सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी। राउत ने कहा, सभी बाधाएं खत्म हो गई हैं और कल तक स्थिति साफ हो जाएगी। उन्होंने पवार और पीएम मोदी की मुलाकात को लेकर जारी अटकलों पर भी विराम लगाने की कोशिश की। राउत ने दो टूक अंदाज में कहा कि पार्टी के अंदर एनसीपी से गठबंधन को लेकर कोई हिचक नहीं है।