महाराष्ट्र

NIA ने वाहिद शेख के घर मारा छापा, मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट में था शामिल

Sonali kesarwani
11 Oct 2023 7:32 AM GMT
NIA ने वाहिद शेख के घर मारा छापा, मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट में था शामिल
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11 जुलाई 2006 की शाम में मुंबई लोकल ट्रेन में 11 मिनट में सिलसिलेवार बम धमाकों में 188 लोग मारे गए थे।

11 जुलाई 2006 की शाम में मुंबई लोकल ट्रेन में 11 मिनट में सिलसिलेवार बम धमाकों में 188 लोग मारे गए थे।

मुंबई के विक्रोली इलाके में रहने वाले 7/11 ट्रेन बम धमाके के आरोपी वाहिद शेख के घर पर बुधवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छापेमारी की। बताया जा रहा है कि प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर नकेल कसने के लिए एनआईए ने आज सुबह महाराष्ट्र, राजस्थान और दिल्ली समेत कई राज्यों में छापेमारी की। इसी के तहत वाहिद शेख के घर भी केंद्रीय जांच एजेंसी की एक टीम पहुंची है। जानकारी के मुताबिक, एनआईए की एक टीम आज सुबह 5 बजे विक्रोली इलाके में रहने वाले अब्दुल वाहिद शेख के घर पहुंची। शेख 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन सीरियल बम धमाके मामले में आरोपी थे। हालांकि बाद में उन्हें ट्रायल कोर्ट ने सभी आरोपों से बरी कर दिया था।

मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट में था शामिल

11 जुलाई 2006 की शाम में मुंबई लोकल ट्रेन में 11 मिनट में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों में 188 लोग मारे गए थे और 800 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।इस आतंकी घटना के चार महीने बाद महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने बम विस्फोट में शामिल 30 लोगों को आरोपी बनाया। जिनमें वाहिद शेख सहित 13 को गिरफ्तार किया गया और बाकि 17 को फरार घोषित किया गया। फरार आरोपियों में अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे।

शेख को मामले में कर दिया गया था बरी

वाहिद शेख पर प्रतिबंधित संगठन सिमी (SIMI) का सदस्य होने का आरोप लगा था। एटीएस ने दावा किया था कि शेख के घर पर पाकिस्तान से आये आतंकी ठहरे थे। जिन्होंने शहर की लोकल ट्रेनों में बम रखे थे।गिरफ्तारी के नौ साल बाद सितंबर 2015 में एक विशेष मकोका अदालत ने 13 में से 12 संदिग्धों को दोषी ठहराया। मुंबई लोकल ट्रेन बम धमाके के पांच दोषियों को मौत की सजा और सात अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी। जबकि शेख को इस मामले में बरी कर दिया गया।

निजी स्कूल में शिक्षक थे शेख

वाहिद शेख को जब आतंकी हमले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था तो वह एक निजी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करते थे। साथ ही मुंबई यूनिवर्सिटी से उर्दू में पीएचडी कर रहे थे। हालांकि, मुंबई की आर्थर रोड जेल में रहते हुए शेख ने अंग्रेजी में मास्टर डिग्री, पत्रकारिता में डिप्लोमा की पढाई पूरी की। साथ ही कानून की डिग्री भी हासिल की।

जेल में लिखी ‘बेगुनाह कैदी’

जेल से रिहा होने के कुछ महीने पहले शेख ने ‘बेगुनाह कैदी’ नाम की 400 पेज की किताब भी लिख डाली। शेख मामले में दोषी ठहराए गए 12 आरोपियों को भी बेगुनाह मानते है और उनकी रिहाई के लिए अभियान भी चलाया।

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Sonali kesarwani

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